आइए जानें कितने मेगापिक्‍सल की होती हैं हमारी आंखें…

रोचक जानकारी। लोग नया मोबाइल या कैमरा खरीदने से पहले इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं कि कैमरा कितने मेगापिक्सल का है। अधिक मेगापिक्सल की क्षमता रखने वाला कैमरा अधिक स्पष्ट तस्वीर देता है। यदि कैमरा कम मेगापिक्सल का होता है, तो तस्वीर भी अधिक स्पष्ट नहीं होती। लेकिन क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है कि हमारी आंखें कितनी मेगापिक्सल की होती हैं? कई लोगों को इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं होगी।

इंसान का शरीर जितना जटिल है उतना ही आधुनिक भी है। हमारे शरीर में हर अंग की अपनी अलग खासियत और काम है। मानव शरीर की आंखें भी एक कैमरे की ही तरह हैं। हम ऐसा भी कह सकते हैं कि हमारी आंख भी किसी डिजिटल कैमरे जैसी ही हैं। तो आइए जानते हैं हमारी आंखों में और क्या-क्या खूबियां हैं-

कितने मेगापिक्सल की होता हैं आंखें?
इंसानों की आखें बहुत ही जटिल और दिलचस्प होती हैं। इनके जरिए हम सुबह सोकर उठने से लेकर रात को सोने तक न जाने कितनी चीजें देखते हैं। अगर हम कैमरे की क्षमता के हिसाब से अपनी आंखों के बारे में बात करें तो ये हमें 576 मेगापिक्सल तक का दृश्य दिखाती हैं। इसका मतलब है कि हम एक बार में अपनी आंखों से 576 मेगापिक्सल के क्षेत्रफल को देख सकते हैं।

हमारा दिमाग इसे एक साथ प्रोसेस नहीं कर पाता, लेकिन खास बात ये है कि हमें दिखने वाले दृश्य का केवल कुछ हिस्सा ही एकदम साफ (हाई डेफिनेशन) दिखता है। आंखों को अलग-अलग फोकस करने पर हमें पूरा दृश्य साफ दिखने लगता है।

हमारी आंखों की ये क्षमता पूरे जीवन एक समान नहीं रहती है। उम्र ढलने के साथ ही हमारे देखने की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है। ऐसा नहीं है कि, अगर कोई एक युवक किसी दृश्य को स्पष्ट और साफ देख पा रहा है, तो एक बुजुर्ग को भी वह बिल्कुल साफ-साफ नजर आएगा।

जिस तरह शरीर के बाकी अंग उम्र बढ़ने के साथ-साथ कमजोर हो जाते हैं, उसी तरह बढ़ती उम्र के साथ आंखों का रेटिना भी कमजोर होने लगता है। यही वजह है कि बुजुर्ग लोगों की नजर उम्र बढ़ने के साथ कमजोर हो जाती है और देखने में परेशानी होने लगती है।

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