लाइफ स्टाइल। दिवाली पर पटाखे चलाए बिना सेलिब्रेशन अधूरा सा लगता है। बच्चों से लेकर बड़े तक त्योहार पर पटाखे चलाते हुए देखे जाते हैं। पटाखे चलाकर लोग त्योहार को खूब एंजॉय करते हैं, लेकिन इससे निकलने वाली गैस हवा को प्रदूषित कर देती हैं। यही कारण है कि तमाम जगहों पर पटाखों को बैन कर दिया गया है।
बैन की वजह से सामान्य पटाखों की जगह ग्रीन पटाखे का चलन तेजी से बढ़ रहा है। अधिकांश लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या ग्रीन पटाखे पॉल्यूशन फ्री होते हैं? क्या इन्हें जलाने से हवा में जहरीली गैस नहीं घुलती? चलिए आज हम आपको बताएंगे कि ग्रीन पटाखे क्या होते हैं और यह सामान्य पटाखों से कितना अलग है।
क्या होते हैं Green Crackers?
एयर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए साल 2018 में ग्रीन पटाखों का कांसेप्ट लाया गया था। इसे सामान्य पटाखों के विकल्प के रूप में पेश किया गया था। ग्रीन पटाखों में एलुमिनियम, बेरियम, पोटेशियम नाइट्रेट और कार्बन जैसे खतरनाक केमिकल नहीं होते हैं। इन पटाखों में सामान्य पटाखों की अपेक्षा आवाज भी काफी कम होती है। ग्रीन पटाखों को इस तरह तैयार किया जाता है कि उनसे पर्यावरण पर ज्यादा प्रभाव ना पड़े। बाजार में जगह-जगह ग्रीन पटाखे मिल जाएंगे।
क्या ग्रीन पटाखों से नहीं होता Air Pollution?
रिपोर्ट की मानें तो ग्रीन पटाखों में सामान्य पटाखों की अपेक्षा 30% कम पॉल्यूटेंट होते हैं। ग्रीन पटाखों की आवाज करीब 110 डेसिबल होती है, जबकि सामान्य पटाखों की आवाज 160 डेसीबल होती है। हालांकि ग्रीन पटाखे पूरी तरह इको-फ्रेंडली नहीं कहे जा सकते और इन्हें जलाने से भी प्रदूषण फैलता है। कहा जा सकता है कि ग्रीन पटाखे चलाने से पॉल्यूशन होता है, लेकिन यह सामान्य पटाखों की अपेक्षा कम है।
कहां से खरीदने चाहिए Green Crackers?
ग्रीन पटाखे लाइसेंस वाली दुकानों से ही खरीदने चाहिए। स्ट्रीट वेंडर और बिना लाइसेंस वाली दुकानों पर मिलने वाले ग्रीन पटाखे ज्यादा प्रदूषण फैला सकते हैं और हवा को जहरीला बना सकते हैं। इसके अलावा ग्रीन पटाखे चलाते वक्त भी पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रीन पटाखे का मतलब यह नहीं है कि वह आपको नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। यह पटाखे भी आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं, इसलिए सतर्कता बरतें।