नई दिल्ली। दिल्ली में संपन्न चार दिवसीय महासभा में इंटरपोल ने आतंकवाद को विश्व के सबसे बड़े अपराध के रूप में स्वीकार किया है और आगे की रणनीति पर काम करने का प्रस्ताव पास किया।
18 अक्टूबर को शुरू हुई इस 90वीं महासभा में ग्लोबल क्राइम रिपोर्ट 2022 और इंटरपोल के विजन 2030 जारी किया गया। साथ ही इन चार दिनों में 195 सदस्य देशों ने खासतौर पर मेटावर्स और साइबर थ्रेट लैंडस्केप में हो रहे बदलाव पर गहन चिंतन किया। अंतर्राष्ट्रीय बाल यौन शोषण के डाटाबेस के इस्तेमाल बढ़ाने पर दो अहम प्रस्तावों को भी हरी झंडी दी गई। इस समारोह में अपराध के तरीकों में तेजी से आ रहे बदलाव से निपटने के लिए अगले 50 साल के रोडमैप को भी हरी झंडी दी गई। अगले साल इंटरपोल की स्थापना के 100 साल पूरे हो रहे हैं। इसकी मेजबानी वियना में होगी।
इस बार मेजबान भारत के प्रतिनिधिमंडल ने करीब दो दर्जन देशों के साथ पुलिस सहयोग और सूचना साझेदारी पर द्विपक्षीय बैठकें कीं। इनमें ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, ऑस्ट्रिया, दक्षिण अफ्रिका, न्यूजीलैंड, जापान, भूटान, नामीबिया, बहरीन, रूस, कनाडा, ओमान, मलेशिया और मंगोलिया प्रमुख हैं। इसके साथ भगोड़ों एवं अपराधियों की भौगोलिक स्थिति का पता लगाने, आतंकवाद और उसके वित्तीय पोषण, ऑनलाइन कट्टरपंथ, साइबर अपराध और ऑनलाइन बाल यौन शोषण को रोकने के उपायों पर अहम फैसले लिए गए।