श्रीनगर। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह श्रीनगर पहुंचे हैं। वे आज से जम्मू कश्मीर व लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर हैं। श्रीनगर के बडगाम में भारतीय सेना की तरफ से आयोजित शौर्य दिवस कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीर शहीद सैनिकों को याद किया। उन्होने कहा कि आज का यह शौर्य दिवस, उन वीर सेनानियों की कुर्बानियों और बलिदान को ही याद करने का दिवस है।
आज का यह दिवस, उनके त्याग और समर्पण को हृदय से नमन करने का दिवस है आज भारत की जो एक विशाल इमारत हमें दिखाई दे रही है, वह हमारे वीर योद्धाओं के बलिदान की नींव पर ही टिकी हुई है। भारत नाम का यह विशाल वटवृक्ष, उन्हीं वीर जवानों के खून और पसीने से अभिसिंचित है। हमारी सेना ने अदम्य साहस और शौर्य से दुश्मनों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। हमारी सेना को पहली जीत 1947 में मिली थी। भारतीय सेना महान सेना है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पोओजेके के लोगों का दर्द हम समझते हैं। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘यहां मैं पाकिस्तान से यह सवाल जरूर पूछना चाहूंगा, कि हमारे जिन इलाकों पर उसने अपना अनधिकृत कब्जा जमाया हुआ है, वहां के लोगों को उसने कितने अधिकार दे रखे हैं। मानवाधिकार के नाम पर मगरमच्छ के आंसू बहाने वाला पाकिस्तान, इन इलाकों के लोगों की कितनी चिंता करता है, यह सब जानते हैं।’
उन्होंने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख का क्षेत्र आज सामान्य प्रदेशों से कहीं अधिक रफ्तार से प्रगति के रास्ते पर है। यह प्रदेश एक के बाद एक विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है। पर मैं यहां कहना चाहूंगा, कि अभी तो हमने इस इलाके के विकास का आगाज भर किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, हमारी यात्रा तो तब पूरी होगी, जब 1947 के रिफ्यूजियों को न्याय मिलेगा, जब उनके पूर्वजों की भूमि उन्हें सम्मान के साथ वापस मिल सकेगी। मैं यहां की जनता, और हमारी सेनाओं के पराक्रम के बल पर पूरा आश्वस्त हूं, कि वह दिन दूर नहीं जब हमारे यह सभी मेनडेट भी सफलतापूर्वक पूरे होंगे।