धर्म। आज 07 नवंबर को देव दीपावली है। कार्तिक पूर्णिमा को प्रदोष काल में देव दीपावली मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की नगरी काशी में गंगा के तट पर देव दीपावली का भव्य दृश्य दिखाई देता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को सभी देवी और देवता काशी में दीप जलाते हैं और उत्सव मनाते हैं, जिसे देव दीपावली कहा जाता है। आइए जानते हैं देव दीपावली के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व-
देव दीपावली मुहूर्त:-
कार्तिक पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ:- आज, सोमवार, शाम 04 बजकर 15 मिनट से
कार्तिक पूर्णिमा तिथि का समापन:- कल, मंगलवार, शाम 04 बजकर 31 मिनट पर
सिद्धि योग:- आज प्रात: काल से लेकर रात 10 बजकर 37 मिनट तक
रवि योग:- आज प्रात: 06 बजकर 48 मिनट से देर रात 12 बजकर 37 मिनट तक
देव दीपावली का शुभ समय:-
07 नवंबर को देव दीपावली का शुभ समय शाम को 05 बजकर 14 मिनट से शाम 07 बजकर 49 मिनट तक है। इस दिन देव दीपावली का मुहूर्त 02 घंटे 35 मिनट का है।
देव दीपावली पूजन विधि:-
आज प्रात: नदी स्नान करें या फिर बाल्टी के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। उसके बाद भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें। आज शाम को शुभ मुहूर्त में किसी नदी, सरोवर या तालाब के किनारे जाएं। वहां पर भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं का ध्यान करके घी के दीप जलाएं। आप चाहें तो देव दीपावली का दीपक अपने घर के पूजा स्थान या किसी मंदिर में भी जला सकते हैं। घर के पास कोई शिव मंदिर हो तो दीपदान के लिए बहुत उत्तम रहेगा।
देव दीपावली का महत्व:-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा को भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध करके देवी-देवताओं समेत सभी को उसके अत्याचार से मुक्ति प्रदान की थी। इस वजह से आज भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। जब त्रिपुरासुर मारा गया तो सभी देवी-देवता प्रसन्न हुए। सभी देवी-देवता शिव की नगरी काशी में आए। वहां गंगा के तट पर उत्सव मनाया और दीप दीन किया।