वास्तु। हिंदू धर्म में घर बनवाते हुए वास्तु के नियमों का पालन किया जाता है। इससे घर में धन का आगमन होता है और घर में खुशहाली बनी रहती है। हिंदू धर्म में दक्षिण दिशा को लेकर भी काफी कुछ बताया गया है, कोई भी शुभ काम दक्षिण दिशा में नहीं होता है। वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा में कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हे नहीं रखना चाहिए। आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा में क्या नहीं रखें-
जूते-चप्पल:-
जूते-चप्पल आदि को दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए। यह पितरों की दिशा है इसलिए इस दिशा में शू रैक नहीं होना चाहिए न ही चप्पल और जूते इस दिशा में रखने चाहिए। ऐसा करने से पितरों का आपमान होता है और घर में लड़ाई झगड़े होने लगते हैं। घर की शांति भी भंग हो सकती है।
तुलसी का पौधा:-
घर की दक्षिण दिशा में भूलकर भी तुलसी का पौधा न रखें, ऐसा करने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।
पूजा घर:-
घर के मंदिर को हमेशा ईशान कोण यानी कि उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। भूलकर भी घर के मंदिर को दक्षिण दिशा में न रखें। इससे पूजा का फल नहीं मिलेगा और आपके घर में कंगाली भी आ सकती है।
बेडरूम:-
अगर आप अपना दाम्पत्य जीवन सुखपूर्वक बिताना चाहते हैं तो अपने घर का बेडरूम दक्षिण दिशा में न रखें, इतना ही नहीं बेड ऐसा रखें कि पैर दक्षिण की तरफ न हो। वरना अनिद्रा की समस्या तो आती ही है पति-पत्नी के संबंध भी खराब हो सकते हैं।
रसोई घर:-
घर की दक्षिण दिशा में कभी भी किचन नहीं बनवाना चाहिए। इससे खाना बनाने वाले की सेहत पर बुरा असर पड़ता है साथ ही गरीबी भी आती है। धन आगमन के रास्ते रुक जाते हैं और घर में निगेटिविटी फैलती है।