योग। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पाचन का ठीक रहना बहुत आवश्यक माना जाता है। इसके लिए लिवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों के साथ-साथ आंतों को स्वस्थ रखने वाले उपाय किए जाने भी जरूरी होते हैं। आंतें, भोजन को पचाने में मदद करती हैं। इसके अलावा आंतों के माध्यम से ऐसे हार्मोन्स का भी उत्पादन होता है जो शरीर के अन्य भागों में संदेश ले जाने के लिए जरूरी होती हैं। आंतों में होने वाली समस्या के कारण भोजन का ठीक से पाचन और पोषक तत्वों का सही तरीके से अवशोषण नहीं हो पाता है जिससे शरीर में कई प्रकार की समस्याओं का जोखिम हो सकता है। अध्ययनों में पाया गया है कि कुछ प्रकार के योगासनों को दिनचर्या का हिस्सा बनाना भी आंतों की सेहत के लिए लाभकारी हो सकता है। तो आइए जानते हैं कि इसके लिए नियमित रूप से किन योगासनों का अभ्यास किया जा सकता है?
त्रिकोणासन योग :-
त्रिकोणासन, संपूर्ण शरीर के लिए कई प्रकार से लाभकारी माना जाता है। शरीर की बेहतर तरीक से स्ट्रेचिंग करने के साथ त्रिकोणासन योग कब्ज को दूर करने और पाचन स्वास्थ्य में सुधार करने में आपके लिए लाभकारी हो सकती है। पाचन विकारों को कम करके इससे संबंधित अंगों की बीमारियों से निपटने में भी त्रिकोणासन योग करना काफी फायदेमंद हो सकता है। छाती, गर्दन, कूल्हों और कंधों के लिए भी इस मुद्रा के अभ्यास को फायदेमंद माना जाता है।
कैमल पोज :-
कमल पोज के अभ्यास को पाचन स्वास्थ्य के लिए बेहद कारगर माना जाता है। यह योग मुद्रा पेट और आंतों की बेहतर तरीके से स्ट्रेचिंग करके कब्ज को कम करने और भोजन के पाचन को बढ़ावा देने में आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकता है। अधिवृक्क ग्रंथियों को उत्तेजित करने में भी कैमल पोज योग से लाभ पाया जा सकता है। सभी उम्र के लोगों के लिए इस योग को फायदेमंद माना जाता है।
धनुरासन योग :-
धनुरासन को ‘बो पोज’ योग के नाम से भी जाना जाता है, यह योगासन भी पाचन को ठीक रखने और आंतों-लिवर की सेहत में सुधार करने में आपके लिए लाभकारी हो सकता है। यह योग पाचन अंगों की स्ट्रेचिंग करके कब्ज को कम करने और पीठ के निचले हिस्से में दर्द से राहत दिलाने में काफी फायदेमंद हो सकता है। पेट की मांसपेशियों से संबंधित जोखिमों को कम करने और पीठ से संबंधित कई तरह की परेशानियों को कम करने में भी धनुरासन योग से बेहतर लाभ पाया जा सकता है।