नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2022-23 में बिगड़ते बाहरी वातावरण के बीच वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में गिरावट की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2022-23 में GDP विकास दर घटकर 6.9 फीसदी रहने की उम्मीद है। विश्व बैंक ने अपनी भारत विकास अद्यतन रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। इस अनुमान को 2021-22 के 8.4% के मुकाबले बड़ी गिरावट मानी जा रही है। वहीं इससे पहले स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस इंडिया ने भी वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी विकास दर 6.9 फीसदी रहने का ही अनुमान लगाया था।
महंगाई के कारण जीडीपी पर पड़ रहा असर :-
बढ़ती महंगाई को नियंत्रण करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक समेत दुनिया भर के केंद्रीय बैंक लगातार अपनी ब्याज दरों में इजाफा कर रहे हैं। इसका सीधा असर देश की सकल घरेलू उत्पाद पर पड़ रहा है। इसके साथ ही चीन में कोरोना लॉकडाउन के कारण पूरी दुनिया के सप्लाई चेन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है. ऐसे में पूरी दुनिया में मंदी की आशंका बढ़ गई है।