पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि मां देवहूती भगवान् कपिल से कहती हैं कि प्रभु हम आपकी शरण में आये हैं। भगवान कपिल ने कहा माता! आप हमारी मां है, हमें आपकी शरण में आना चाहिए। देवहूती जी कहती हैं प्रभु आप भगवान हैं, आप किसी को मां बना लें, किसी को पिता बनालें,ये आपकी करुणा कृपा है, वैसे पूरे संसार के माता-पिता, परमात्मा आप ही हैं। शरण लेने योग्य केवल परमात्मा हैं, परमात्मा के साथ दो बातें हैं। एक तो शरणागत की रक्षा करने वाले हैं और परमात्मा शरणागत की रक्षा करने में समर्थ हैं। हम अन्य किसी की शरण में जायँ तो हर कोई शरणागत रक्षक नहीं होता, और हर किसी में शरणागत की रक्षा करने की सामर्थ्य भी नहीं होती। सुखी मीन जहँ नीर अगाधा। जिमि हरि शरण न एकहुं बाधा। सरिता जल जलनिधि महुँ जाई। होय सुखी जिमि जिव हरि-पाई। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन,जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर
जिला-अजमेर (राजस्थान)।