लाइफ स्टाइल। अगर आप अपने बच्चे को किसी टीम स्पोर्ट्स के लिए प्रोत्साहित करते हैं तो इसके कई फायदे बच्चे के जीवन पर देखने को मिलते हैं। जब बच्चे फुटबॉल खेलते हैं तो गोल करने के अलावा अपने टीममेट की गलतियों को भी स्वीकार कर उनका हौसला बढ़ाना सीखते हैं। अगर टीम की हार होती है तो निराशा से खुद को बाहर निकालना और अगले मैच के लिए फिर से तैयारियों में जुट जाना भी उन्हें आ जाता है। उन्हें इस बात की भी सीख मिलती है कि मैच आप अकेले दम पर नहीं जीत सकते, बल्कि हर खिलाड़ी के योगदान की जरूरत होती है। तो अगर आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा जीवन में हर तरह की परिस्थितियों से निपटना सीखे और खुद में एक बेहतरीन टीममेट बिहेवियर पैदा करे तो इसके कुछ तरीके आप अपना सकते हैं।
बच्चों को प्रोत्साहित करें:-
अगर आप अपने बच्चों में टीम भावना को बढ़ाना चाहते हैं तो इससे जुड़ी बातों को आप साथ बैठकर चर्चा कर सकते हैं और सवाल कर सकते हैं। उनकी फुटबॉल टीम में सबसे बढि़या टीममेट कौन है आदि। इसके अलावा, आप बच्चों के मैच के दौरान उसके टीममेट को भी चीयरअप करें।
खुद में भी दिखाएं टीममेट बिहेवियर:-
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा एक अच्छा टीमगेम खेले तो इसके लिए जरूरी है कि पेरेंट्स भी उसी तरह बर्ताव करें। आप साथ में गेम देखते हुए टीम की बड़ाई करें। आप परिवार के साथ बास्केट बॉल, क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन खेलें और साथ में अच्छी टीम बनाकर खेलें और हर किसी के योगदान को एप्रिशिएट करें।
साथ में देखें मैच:-
बच्चों के साथ आप मैच देख सकते हैं और मैच के दौरान विरोधी टीम के साथ हाथ मिलाना, प्रोत्साहित करने वाले बिहेव, गले लगना आदि बातों पर चर्चा कर सकते हैं। इस तरह की बातें बच्चों को आकर्षित करती हैं और वो भी प्रतियोगिताओं के दौरान हार-जीत को स्वीकारना और खेल भावनाओं को सीखते हैं।
टीममेट बिहेवियर के अन्य फायदे:-
-मोटरस्किल डेवलप होता है।
-आई और हैंड कोलेबरेशन अच्छा होता है।
-सोशल स्किल अच्छा होता है।
-बच्चे मेंटली स्ट्रॉन्ग बनते हैं।
-साथ मिलकर काम को अंजाम देना सीखते हैं।
-जिम्मेदारियों को निभाना सीखते हैं।
-क्रेडिट लेने के चक्कर में नहीं रहते।