फिटनेस। माइग्रेन एक सामान्य स्थिति है जिससे पीड़ित व्यक्ति को समय-समय पर मितली के साथ-साथ तेज सिरदर्द की परेशानी होती है। भारत समेत पूरी दुनिया में लोग सिर दर्द की परेशानी में डॉक्टर के पास कम ही जाते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि ये खुद-ब-खुद ठीक हो जाएगा। हालांकि इस परेशानी में सबसे बड़ी बाधा इसको नजरअंदाज करना होता है। लोग माइग्रेन को सामान्य सिर दर्द समझने की भूल करने लगते हैं जो कि आगे चलकर बड़ी परेशानी बनकर उभर जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक लोग अगर सही वक्त पर सही इलाज न हो तो ये क्रॉनिक माइग्रेन बनकर उभर सकता है।
माइग्रेन के इलाज में दवाएं एक हद तक मदद कर सकती हैं लेकिन योग विशेषज्ञ माइग्रेन से जड़ से राहत पाने और इसके स्थायी इलाज के लिए योग करने का सुझाव देते हैं।
शशांकासन:-
*वज्रासन में हथेलियों को जांघों पर टिकाकर बैठ जाएं। आंखें बंद रखें और पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें।
*श्वास भरते हुए हाथों को सिर के ऊपर उठाएं। कोहनियां सीधी होनी चाहिए।
*सांस छोड़ें और धीरे-धीरे धड़ को आगे की दिशा में ले जाएं। रीढ़ की हड्डी से नहीं बल्कि पेल्विक एरिया से झुकें।
*बाजुओं को थोड़ा झुकाकर रखें और हाथों, माथे और कोहनियों को चटाई पर टिका दें। हाथ घुटनों के सामने होने चाहिए।
*जब तक आराम से रह सकते हैं तब तक इसी स्थिति में बने रहें।
*वापस पहले जैसी स्थिति में जाने के लिए, सांस छोड़ें और धीरे-धीरे माथे, और भुजाओं को लंबवत स्थिति में उठाएं।
* हथेलियों को जांघों पर टिकाकर बाजुओं को नीचे करें।
*रिलैक्स हों और गहरी सांसें लें।
पश्चिमोत्तानासन:-
*पैरों को अपने सामने सीधा फैलाकर बैठ जाएं।
*सांस अंदर लेते हुए धीरे-धीरे दोनों हाथों को सिर के ऊपर सीधा उठाएं और ऊपर की ओर तानें।
*सांस छोड़ते हुए रीढ़ को सीधा रखते हुए आगे आना शुरू करें।
* अपने हाथों को अपने पैरों पर रखें, जहां तक भी वे पहुंचें, और अगर संभव हो तो अपने पैर के अंगूठों को पकड़ें और आगे बढ़ने में मदद के लिए उन्हें खीचें।
*जब तक संभव हो इस स्थिति में रहें।
अधो मुख संवासन:-
*फर्श पर घुटने टेकें।
* हाथों को कंधों के ठीक नीचे फर्श पर रखते हुए आगे की ओर झुकें।
*हाथों को जमीन पर दबाएं। पंजों को मोड़ें, सांस छोड़ें और घुटनों को फर्श से दूर ले जाते हुए कूल्हों को धीरे से उठाएं।
*कोहनियों और घुटनों दोनों को सीधा करें, एड़ियां फर्श से स्पर्श करें।
*वापस आने के लिए सिर को ऊपर उठाएं, घुटनों को मोड़ें और धीरे-धीरे फर्श/चटाई पर बैठ जाएं।
जानू सिरसाना:-
*पैरों को शरीर के सामने फैलाकर सीधे बैठ जाएं।
*बाएं घुटने को मोड़ें और बाएं पैर के तलवे को दाएं पैर की जांघ के अंदरूनी हिस्से पर रखें। बायें घुटने को फर्श पर रखें।
* श्वास लें और धीरे-धीरे धड़ को आगे की दिशा में झुकाएं और अपने हाथों को दाहिने पैर की ओर ले जाएं।
* अपने दाहिने पैर को अपने हाथों से छूने की कोशिश करें अन्यथा जहां तक आराम से जा सके रखें।
*अपने सिर को अपने दाहिने पैर की ओर ले जाएं, यदि संभव हो तो अपने घुटने को अपने माथे से स्पर्श करें और इसी स्थिति में बने रहें।
गाय-बिल्ली की मुद्रा:-
*हाथों और पैरों को टिकाकर खड़े हो जाएं।
कैट पोज़ के लिए:-
* अपनी रीढ़ को छत की ओर गोल करें।
*अपना सिर और अपनी टेलबोन नीचे करें।
*अपने पेट के निचले हिस्से को अंदर की ओर खीचें।
गाय मुद्रा के लिए:-
* अपने पैर की उंगलियों को नीचे करें।
*अपने पेल्विक एरिया को झुकाएं।
*अपना पेट नीचे की ओर करें और छत की ओर देखें।