ये औषधी प्रोटीन पाउडर को करती है रिप्लेस

हेल्‍थ। जिम जाने वाले अधिकतर लोग प्रोटीन पाउडर का सेवन करते है। ऐसा माना जाता है कि यह मांसपेशियों के निर्माण और शारीरिक शक्ति को बढ़ाने में फायदेमंद है। लेकिन प्रोटीन पाउडर को लेकर हुए कई अध्ययनों में पाया गया है कि इसके कई प्रकार के साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते है।  शोधकर्ताओं ने पाया कि आसानी से बाजार में उपलब्ध प्रोटीन पाउडर में स्टेरॉयड मिला होता है, जिसके सेवन के कारण कई प्रकार की दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम हो सकता है। इससे आपका शरीर तो तेजी से भरने लगता है पर यह गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ के मुताबिक, अगर आप भी फिटनेस को बेहतर रखना चाह रहे हैं तो प्रोटीन पाउडर की जगह अन्य वैकल्पिक उपायों को प्रयोग में लाएं। अश्वगंधा एक महत्‍वपूर्ण औषधियों में से एक है। इसका सेवन करना आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकता है। आयुर्वेद में अश्वगंधा के कई प्रकार के लाभ का जिक्र मिलता है। तो आइए जानते हैं कि अश्वगंधा का सेवन करना किस प्रकार से लाभकारी हो सकता है?

अश्वगंधा कई प्रकार से लाभकारी :-
अश्वगंधा आयुर्वेद की सबसे महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों में से एक है, जो प्राकृतिक चिकित्सा के लिए वर्षों से प्रयोग में लाई जाती रही है। मांसपेशियों के निर्माण को बढ़ावा देने के साथ, तनाव दूर करने, ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने और एकाग्रता में सुधार करने में अश्वगंधा का सेवन करना विशेष फायदेमंद हो सकता है। अश्वगंधा, एथलीटिक गतिविधि को सुधारने और शारीरिक प्रदर्शन को बेहतर रखने में बहुत लाभकारी है। इसे प्रोटीन पाउडर के विकल्प के तौर पर प्रयोग में लाया जा सकता है।

शारीरिक प्रदर्शन में फायदेमंद :-

अध्‍ययन में पाया गया है कि नियमित रूप से अश्वगंधा का सेवन करना मांसपेशियों के निर्माण को बढ़ाने और ऊर्जा के स्तर को बेहतर करने में विशेष लाभप्रद हो सकता है। पुरुषों और महिलाओं, दोनों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि रोजाना अश्वगंधा का सेवन करने वाले लोगों का शारीरिक प्रदर्शन बेहतर हो सकता है। व्यायाम के दौरान शक्ति और ऑक्सीजन के उपयोग को बढ़ाने में भी इसके लाभ हैं। पांच अध्ययनों के विश्लेषण में पाया गया कि अश्वगंधा लेने से वयस्कों और एथलीटों के प्रदर्शन में काफी सुधार देखा गया।

अवसाद-चिंता का जोखिम कम :-
अश्वगंधा न सिर्फ शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देने में मददगार है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य में भी इससे लाभ पाया जा सकता है। अध्‍ययन में, शोधकर्ताओं ने पाया‍ कि सिज़ोफ्रेनिया वाले 66 लोगों में अश्वगंधा के प्रभावों को देखा, जो अवसाद और चिंता का अनुभव कर रहे थे। जिन प्रतिभागियों ने 12 सप्ताह तक रोजाना 1,000 मिलीग्राम अश्वगंधा के अर्क का सेवन किया उनमें इस तरह की समस्याओं का जोखिम कम पाया गया। अश्वगंधा मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है।

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