नई दिल्ली। 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती पर पीएम मोदी 80 युवाओं को संसद में आमंत्रित कर रहे हैं। पीएम मोदी चाहते हैं कि आजादी की लड़ाई लड़ने वाले और देश को मौजूदा स्वरूप देने वाले महान नेताओं से हमारी नई पीढ़ी करीबी जुड़ाव महसूस करे।
यह युवा नेताजी को संसद के सेंट्रल हॉल में पुष्प अर्पण करेंगे। केवल नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों से पुष्प अर्पण करवाने के चलन को भी इस कार्यक्रम में आम नागरिकों को हिस्सा बनाते हुए बदला जा रहा है। युवाओं को देश के प्रमुख नेताओं के योगदान से परिचय कराने के लिए 2 अक्टूबर 2022 से यह परंपरा शुरू की गई थी।
उस वक्त युवाओं ने महात्मा गांधी को सेंट्रल हॉल में पुष्प अर्पित किए थे। इस बार संसद आ रहे 80 युवाओं में 35 युवतियां और 45 युवक हैं। उनका चयन देश के कोने-कोने से हुआ है। इन्हें दीक्षा पोर्टल व माय जीओवी पर क्विज, जिला व राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिताओं, नेताजी के जीवन पर विश्वविद्यालय स्तरीय प्रतियोगिताओं, आदि में प्रदर्शन के आधार पर चुना गया है।
कार्यक्रम में 30 युवाओं को नेताजी के बारे में अपनी बात कहने का अवसर मिलेगा। यहां देश की भाषायी विविधता नजर आएगी क्योंकि उन्हें पांच भाषाओं, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, मराठी और बांग्ला में बोलने के विकल्प दिए गए हैं। इसके बाद उनके हाथों पुष्प अर्पण होगा, जो अब तक नेता करते थे। यहां से सभी युवा भारतीय लोकतंत्र के मंदिर यानी संसद ले जाए जाएंगे।
इसके बाद पीएम मोदी सभी अतिथियों को अपने आवास पर आमंत्रित करेंगे और शाम को उनसे मुलाकात की जाएगी। युवाओं को 24 जनवरी को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में होने वाले उत्सव, 25 जनवरी को कर्तव्य पथ, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, राजघाट, पीएम संग्रहालय, आदि भ्रमण करवाया जाएगा। 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड देखने का उन्हें मौका मिलेगा।