सास-बहू की बॉन्डिंग को स्ट्रांग बनाने के लिए फॉलो करें ये टिप्स

रिलेशनशिप। सास और बहू का रिश्ता बहुत अनोखा होता है। इस रिश्ते में जहां बेशुमार प्यार देखने को मिलता है। तो वहीं सास और बहू का रिश्ता रोजमर्रा की तकरार के लिए भी जाना जाता है। दरअसल सास और बहू में अक्सर छोटी-छोटी बातों को लेकर नोक झोंक शुरू होने लगता है। ऐसे में अगर आप चाहें तो कुछ खास रिलेशनशिप टिप्स फॉलो करके सास-बहू की बॉन्डिंग को स्ट्रांग बनाया जा सकता है।

शादी के बाद सास-बहू में अक्सर छोटी-छोटी बातों पर कहासुनी हो जाती है। ऐसे में न सिर्फ दोनों के रिश्ते में खटास पैदा होने लगती है बल्कि इससे घर का माहौल भी बुरा होने लगता है। इसलिए हम आपसे शेयर करने जा रहे हैं सास-बहू के रिश्ते को बेहतर बनाने के कुछ तरीके, जिसे आजमाकर आप इस रिश्ते में भी प्यार और केयर बरकरार रख सकते हैं।

कम्फर्ट जोन से निकलें बाहर :-
शादी से पहले सास और बहू दोनों का रूटीन फिक्स रहता है। वहीं शादी के बाद दोनों के रूटीन में बदलाव होने लगते हैं। लेकिन इस दौरान सास या बहू दोनों में से कोई अपने कम्फर्ट जोन से समझौता नहीं करना चाहता है। जिससे रिश्तों में खटास आनी शुरु हो जाती है। ऐसे में सास और बहू दोनों एक-दूसरे का रूटीन डिस्टर्ब न करने की कोशिश करें। वहीं एक-दूसरे को स्पेस देकर आप अपने रिश्ते को अच्‍छा बना सकती हैं।

अधिकार करें साझा :-

शादी के बाद जहां बहू घर में अपना अधिकार पाने की जद्दोजहद में जुट जाती है। तो वहीं सास भी बहू के साथ अधिकार साझा नहीं करना चाहती है। जिसके चलते दोनों में टकराव शुरु हो जाता है। इसलिए अधिकार को छीनने की बजाए साझा करने की कोशिश करें। ऐसे में न सिर्फ सास बहू का सही मार्गदर्शन कर सकती है बल्कि बहू भी सास की सहायता से ससुराल में आसानी से एडजेस्ट कर सकती है।

पसंद का रखें खास ख्याल :-
शादी के बाद सास-बहू अक्सर एक-दूसरे पर अपनी पसंद थोपना शुरु कर देती हैं। जिससे दोनों के रिश्ते में तनाव पैदा होने लगता है। ऐसे में सास की पसंद बहू को चुभती है, तो वहीं बहू की पसंद सास को भी रास नहीं आती है। हालांकि इस परिस्थिति में एक-दूसरे की पसंद को तवज्जो देकर या आराम से अपना सुझाव पेश करके आप अपने रिश्ते में प्यार बरकरार रख सकती हैं।

विचारों को दें महत्व :-
घर के सभी महत्वपूर्ण मामलों में सास और बहू दोनों के विचार मायने रखते हैं। घर के इंटीरियर से लेकर इन्वेस्टमेंट करने जैसे फैसलों में सास और बहू दोनों को बोलने का समान अधिकार होता है। ऐसे में किसी एक के विचार को तवज्जो देने से रिश्ते में खटास पैदा होने लगती है। हालांकि सास और बहू दोनों एक-दूसरे की सलाह का सम्मान करके मतभेद होने की आशंका को कम कर सकती हैं।

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