नई दिल्ली। आज पूरा देश 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। कर्तव्य पथ पर भव्य आयोजन हुआ। परेड में कुल 23 झांकियों का प्रदर्शन हुआ। सभी झांकियों की थीम भी अलग-अलग रही। इसमें से ज्यादातर झांकियों की थीम नारी सशक्तिकरण को लेकर रखी गई थी। 17 झांकियां देश के अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की थीं जबकि छह अलग सरकारी मंत्रालयों और विभागों की।
सेना के तीनों विंग के जवानों ने परेड में अपनी शक्ति का भी प्रदर्शन किया। पहली बार एक साथ कई स्वदेशी हथियारों और तकनीक का भी प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। आइए जानते हैं कि इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में किन-किन हथियारों का प्रदर्शन हुआ–
तय कार्यक्रम के अनुसार, गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9:51 पर नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ की। इसके बाद सलेयूटिंग डायस पर उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने सुबह 10:30 बजे ध्वजारोहण किया और फिर कर्तव्य पथ पर परेड की शुरुआत हुई।
74वें गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर भारतीय वायुसेना के 45 विमान, भारतीय नौसेना का एक और भारतीय सेना के चार हेलीकॉप्टरों ने आसमान में हैरतअंगेज करतब दिखाए। इस दौरान दुनिया ने राफेल विमानों की भी ताकत देखी। कर्तव्य पथ पर डेयरडेविल्स ने अपने प्रदर्शन से रोमांच भर दिया। डेयरडेविल्स ने बाइक पर गजब के स्टंट दिखाए। इस दौरान बाइक पर योग की मुद्राएं करते हुए दिखाई दिए। रक्षा मंत्रालय और सांस्कृतिक मंत्रालय की ओर से सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी गई। यह प्रस्तुति नारी शक्ति पर केंद्रित रही।
इस गणतंत्र दिवस की परेड में सिर्फ स्वदेशी हथियारों का ही प्रदर्शन हुआ। यहां तक की प्रदर्शन होने वाला गोला-बारूद भी स्वदेशी ही था। पहली बार भारत में बनी 105 एमएम इंडियन फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी गई। अब तक ये सलामी ब्रिटिश 21 पाउंडर गन से दी जाती रही है। इसके अलावा इस बार नए भर्ती हुए अग्निवीर भी परेड का हिस्सा बनें। वहीं, बीएसएफ की कैमल कंटिन्जेंट के हिस्से के तौर पर महिला सैनिकों ने भाग लिया और नौसेना के कंटिन्जेंट के 144 सैनिकों की लीडर भी महिला ही रहीं।
इन हथियारों का हुआ प्रदर्शन:-
1. K-9 वज्र हॉविट्जर्स:-
गुजरात के हजीरा में लार्सन एंड टूब्रो की फैक्टरी में मेक इन इंडिया के तहत तैयार हुआ स्वदेशी K-9 वज्र तोप का प्रदर्शन भी गणतंत्र दिवस पर हुआ। इसे अभी लद्दाख में चीनी सीमा पर तैनात किया गया है। इस स्वचालित तोप की मारक क्षमता 38 किलोमीटर है लेकिन पूर्वी लद्दाख में 16 हजार फीट की ऊंचाई वाले इलाकों में इसने सफलतापूर्वक 50 किलोमीटर तक की दूरी तक मार की है। के-9 वज्र स्वचालित तोप दक्षिण कोरियाई हॉवित्जर के-9 थंडर का भारतीय संस्करण है। यह तोप अपनी जगह पर चारों तरफ घूमकर हमला कर सकती है। 155 एमएम/52 कैलिबर की 50 टन वजनी इस तोप से 47 किलो का गोला फेंका जा सकता है। यह सड़क और रेगिस्तान पर संचालन के साथ 15 सेकेंड में तीन गोले दागने में सक्षम है।
2.MBT अर्जुन टैंक:-
अर्जुन मेन बैटल टैंक यानी MBT भारतीय सेना का अहम हिस्सा है। इस स्वदेशी टैंक को डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने बनाया है। ‘अर्जुन मेन बैटल टैंक’ परियोजना की शुरुआत साल 1972 में की गई थी। अब तक इसके तीन वर्जन तैयार हो चुके हैं। अर्जुन ‘Mk1’ के बाद हाईटेक तकनीक का प्रयोग करते हुए ‘Mk1A’ और फिर ‘MkII को तैयार किया गया। अर्जुन मेन बैटल टैंक में स्वदेशी रूप से विकसित 120mm राइफल और आर्मर पियर्सिंग फिन-स्टैबिलाइज़्ड डिस्करिंग सबोट (FSAPDS) युद्धोपकरण शामिल हैं। ये टैंक अपनी रेंज में आने वाली सभी तरह के टैंकों को खत्म कर सकता है। इसे कंप्यूटर के जरिए मॉनिटर किया जा सकता है।
3.नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल:-
नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल भी डीआरडीओ ने तैयार किया है। ये पूरी तरह से स्वदेशी मिसाइल है। इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत, तीसरी पीढ़ी की इस मिसाइल को तैयार किया गया है। यह पांच तरह के वैरिएंट्स में आती है और हर मौसम में तैनात की जा सकती है। नाग मिसाइल को 10 साल तक किसी भी तरह की मरम्मत की जरूरत भी नहीं है। सिर्फ 43 किलो वजनी यह मिसाइल 828 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से दागी जा सकती है। नाग मिसाइल के अलग-अलग वैरिएंट्स की रेंज 500 मीटर से 20 किलोमीटर तक है। इसका गाइडेंस सिस्टम ‘फायर एंड फॉरगेट’ है मतलब एक बार दाग दिया तो टैंक को तबाह कर ही दम लेगी। दिन हो या रात, या फिर किसी भी मौसम में ‘नाग’ मिसाइल को दागा जा सकता है। इस मिसाइल में ऐडवांस्ड पैसिव मिसाइल होमिंग गाइडेंस सिस्टम लगा है जिससे इसे हाई सिंगल-शॉट किल प्रॉबेबिलिटी मिलती है। नाग मिसाइल 828 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से अपने टारगेट को हिट कर सकती है।
4.ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल:-
ये एक मध्यम-श्रेणी की स्टील्थ रैमजेट सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है जिसे पनडुब्बी, जहाज, हवाई जहाज या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है। जब यह पहली बार अस्तित्व में आई थी तब दुनिया में सबसे तेज सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल बताई गई थी। यह रूस की पी-800 ओनिक्स सुपरसॉनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल पर आधारित है। इसका नाम दो नदियों भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा पर आधारित है। यह एंटी-शिप क्रूज मिसाइल के रूप में दुनिया में सबसे तेज है। डीआरडीओ ने इसे स्वदेशी तकनीक से तैयार किया। इसकी रेंज 800 किलोमीटर है। मतलब हवा, पानी या जमीन पर रहते हुए 800 किलोमीटर दूर भी दुश्मन के इलाके को इसके जरिए टारगेट किया जा सकता है।
5.आकाश एयर डिफेंस मिसाइल:-
ये अत्याधुनिक मिसाइल दुश्मनों के लिए मुसीबत का सबब है। आकाश एक स्वदेशी एक्टिव रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर से लैस है। मतलब टारगेट को अच्छे से नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसके अलावा यह अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में कम तापमान में भी अधिक प्रदर्शन करता है। इस मिसाइल को 4500 मीटर की ऊंचाई तक तैनात किया जा सकता है और यह 25 से 35 किलोमीटर तक की दूरी तक अपने टारगेट पर निशाना साध सकता है।
6.क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल्स:-
ये ऐसी गाड़ियां होती हैं, जिनपर गोलियों और बम का कोई असर नहीं होता है। हाल ही में टाटा कंपनी ने इसका निर्माण करके सेना को सौंपी है। इसकी डिजाइन ऐसी है, जिससे चंद सेकेंड में गाड़ी तेज रफ्तार पकड़ सकती है। ये गाड़ी काफी हल्की और मजबूत होती है। ये गाड़ियां माइन प्रोटेक्टेड आर्मर्ड व्हीकल हैं। अगर किसी ने जमीन के अंदर बारूद बिछा दिया हो, तो भी उसका इसपर कोई असर नहीं होगा। इसमें बैठे जवानों को नुकसान नहीं होगा। टाटा ने स्वदेशी तकनीक से इसे तैयार किया है।
- हवा में एक लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर ने लीड किया, जबकि दो अपाचे हेलिकॉप्टर और दो एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर MK-IV एयरक्राफ्ट उसके पीछे तीर का रूप बनाते हुए दिखे।
- पहली बार मोटर साइकिल राइडर्स ‘डेयरडेविल्स’ की टीम को एक महिला अफसर ने लीड किया।
- इस साल सेना को 61 कैवेलरी के माउंटेड कॉलम्स, नौ मैकेनाइज्ड कॉलम, छह मार्चिंग कंटिन्जेंट और आर्मी एविएशन के हेलिकॉप्टर्स के फ्लाई पास्ट से प्रदर्शित किया गया।
- परेड में तीन परम वीर चक्र विजेता और तीन अशोक चक्र विजेता ने भी शिरकत की।
- आर्म्ड फोर्सेज, सेंट्रल पैरा मिलिट्री फोर्सेज, दिल्ली पुलिस, एनसीसी, अग्निवीर, एनएसएस, पाइप्स एंड ड्रम्स बैंड की तरफ से 16 मार्चिंग दल शामिल हुए।