मुंबई। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को 50वें जन्मदिन पर खास तोहफा मिलने वाला है। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सचिन तेंदुलकर का स्टैच्यू लगाया जाएगा। सचिन के संन्यास के 10 वर्ष बाद उन्हें यह खास सम्मान मिल रहा है। सचिन ने अपने करियर का आखिरी मैच इसी मैदान पर खेला था और यहीं उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी। सचिन के स्टैच्यू का अनावरण 23 अप्रैल को उनके 50वें जन्मदिन या इसी वर्ष होने वाले वनडे विश्व कप के दौरान हो सकता है।
बता दें कि सचिन तेंदुलकर का स्टैच्यू कहां लगाया जाएगा यह खुद सचिन ने ही तय किया है। इसके लिए वह पत्नी अंजली के साथ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पहुंचे। इस दौरान मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमोल काले भी स्टेडियम में थे। सचिन तेंदुलकर ने अपने स्टैच्यू को लेकर कहा कि यह उनके लिए सुखद तोहफा है। उन्हें इस बारे में कोई अंदाजा नहीं था और वह खुद स्टैच्यू की बात सुनकर हैरान हैं।
उन्होंने बताया कि इसी मैदान पर उनका करियर शुरू हुआ और कई कभी न भूलने वाली यादें उन्हें मिलीं। उनके करियर का सबसे सुखद लम्हा वर्ष 2011 में आया, जब टीम इंडिया ने विश्व कप अपने नाम किया। सचिन ने यह भी बताया कि उनके कोच रमाकांत आचरेकर ने इसी मैदान पर क्रिकेट के प्रति उनके अंदर अलग रुचि जगाई थी और वह इस खेल में अपना करियर बनाने के लिए तन-मन से जुट गए थे। इसी वजह से यह मैदान उनके लिए खास है और यहां पर स्टेच्यू लगना बड़ी बात है।
वनाखेड़े में पहला स्टैच्यू :-
वानखेड़े के स्टेडियम में पहली बार किसी खिलाड़ी का स्टैच्यू लगाया जा रहा है। वानखेड़े स्टेडियम में पहले से ही सचिन का नाम का एक स्टैंड है। भारत में खिलाड़ियों के ज्यादा स्टैच्यू नहीं हैं। भारत के पूर्व क्रिकेटर सीके नायडू के तीन स्टैच्यू अलग-अलग स्टेडियम में हैं। पहला स्टैच्यू विदर्भ क्रिकेट स्टेडियम में है, दूसरा आंध्र और तीसरा स्टैच्यू इंदौर के होल्कर स्टेडियम में है। हालांकि, कई खिलाड़ियों के वैक्स स्टैच्यू हैं और उनके नाम पर स्टैंड भी हैं। कई दिग्गज खिलाड़ियों के स्टैच्यू मैडम तुसाद म्यूजियम में भी हैं।
क्लब हाउस के सामने लगेगा स्टैच्यू :-
सचिन ने बताया कि उनका स्टैच्यू क्लब हाउस के ठीक सामने लगाया जाएगा। वह जगह काफी साफ सुथरी है और जब लोग मैच देखने के लिए आएंगे और जाएंगे तो वह स्टैच्यू के पास से गुजरेंगे। इसी वजह से उसे क्लब हाउस के सामने लगाया जाएगा। इसके साथ ही सचिन ने इस मैदान से जुड़ी अपनी यादें साझा करते हुए कहा कि अंडर-15 के पहले मैच से लेकर पहले रणजी मैच और भारत के लिए आखिरी मैच तक सभी अहम मुकाबले उन्होंने इसी मैदान में खेले। उनके जीवन का सबसे बड़ा पल 2011 विश्व कप जीतना रहा है और उन्होंने यह खुशी भी इसी मैदान में हासिल की। इसी वजह से यह मैदान उनके लिए खास है। इसके साथ ही सचिन ने स्टैच्यू लगाने का फैसला करने के लिए मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के सभी सदस्यों का शुक्रिया अदा किया।