CAPF: ‘पुरानी पेंशन’ लागू मामले में आया नया मोड़, अदालत ने मांगा 12 सप्ताह का समय

नई दिल्‍ली। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में ‘पुरानी पेंशन’ लागू करने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने जो फैसला सुनाया था, उसमें नया मोड़ आ गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 11 जनवरी को दिए अपने फैसले में कहा था कि ‘सीएपीएफ’ में आठ सप्ताह के भीतर पुरानी पेंशन लागू कर दी जाए। अदालत की वह अवधि होली पर खत्म हो चुकी है। केंद्र सरकार, उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ, सुप्रीम कोर्ट में तो नहीं गई, लेकिन केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में ‘पुरानी पेंशन’ लागू लिया है। खास बात है कि सरकार ने हाईकोर्ट के समक्ष जो दलील दी है, उसमें 12 सप्ताह में ‘OPS’ लागू करने की बात नहीं कही है। इस मुद्दे पर महज सोच-विचार के लिए समय मांगा है। इस अवधि में केंद्र सरकार, दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी जा सकती है या कानून के दायरे में कोई दूसरा रास्ता भी अख्तियार कर सकती है। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में दी अपनी याचिका में ये सब अधिकार अपने पास सुरक्षित रखे हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट ने 11 जनवरी को दिए अपने एक एतिहासिक फैसले में ” को ‘भारत संघ के सशस्त्र बल’ माना है। इन बलों में लागू ‘एनपीएस’ को स्ट्राइक डाउन करने की बात कही गई है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था, चाहे कोई आज इन बलों में भर्ती हुआ हो, पहले कभी भर्ती हुआ हो या आने वाले समय में भर्ती होगा, सभी जवान और अधिकारी, पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में आएंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अभी तक इस फैसले को लागू करने बाबत कोई निर्णय नहीं लिया है। संसद सत्र के दौरान भी वित्त मंत्रालय से यह सवाल पूछा गया था कि यह फैसला कब लागू होगा। उसके जवाब में कहा गया है कि यह मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। विपक्षी दलों के कई सांसदों ने भी इस मुद्दे पर आवाज उठाई है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस फैसले का पालन करने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया था।

केंद्र सरकार को होली तक दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का पालन करना था। अब वह तिथि निकल चुकी है। 10 लाख से अधिक की संख्या वाले केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को होली पर ‘ओपीएस’ बहाली का तोहफा मिलने की उम्मीद थी। कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन एवं पूर्व एडीजी ‘सीआरपीएफ’ एचआर सिंह कह चुके हैं, अगर केंद्र सरकार इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में जाती है तो ‘पैरामिलिट्री परिवार’, पीएम आवास का घेराव करेंगे। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सुनाए गए ऐतिहासिक फैसले पर केंद्र सरकार ने संशय की स्थिति बना रखी है। आखिर इन जवानों को पेंशन से वंचित क्यों रखा जा रहा है। देश में आतंकवाद, माओवादी घटनाएं, कानून व्यवस्था, प्राकृतिक आपदा, वीआईपी सुरक्षा और निष्पक्ष चुनाव, ऐसे सभी कार्यों में सीएपीएफ ने अपना लोहा मनवाया है। इसके बावजूद केंद्रीय गृह मंत्रालय, उच्च न्यायालय के फैसले पर मौन है। इस वजह से लाखों पैरामिलिट्री परिवारों में बैचेनी व रोष व्याप्त है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *