भजन करने से जन्म-मृत्यु का चक्कर हो जाता है समाप्त: दिव्य मोरारी बापू

पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सृष्टि और प्रलय कैसे होती है? परमात्मा से प्रकृति माया उत्पन्न होती है, माया से समष्टि बुद्धि पैदा होती है और बुद्धि से अहंकार पैदा होता है, अहंकार से आकाश पैदा होता है, आकाश से वायु,वायु से अग्नि और अग्नि से जल और जल से पृथ्वी पैदा होती है। पृथ्वी में औषधियां पैदा होती हैं,उससे मनुष्य पैदा होते हैं। जब प्रलय होता है तब सौ वर्षों तक वर्षा नहीं होती। उससे सब जीव, पशु, पक्षी, कीट, पतंग, मनुष्य, वृक्ष सब समाप्त हो जाते हैं, कुछ नहीं रह जाता। इसके बाद ऊपर से सूर्य की गर्मी लगती है और नीचे से शेषनाग के मुख से आग निकलती है, तब पृथ्वी ऐसे जलती है जैसे उपले जला करते हैं। गोबर के उपले जलने के बाद ही राख बची रह जाती है। फिर सौ वर्षों तक मूसलाधार वर्षा होती है, रात-दिन अखंड वर्षा। उस वर्षा से पृथ्वी के कण-कण धुल-धुलकर जल में मिल जाते हैं। फिर केवल जल रह जाता है। जल में जब जोर की गर्मी लगती है, तब वाष्पीकरण हो जाता है। अग्नि को जब जल और पृथ्वी का आधार नहीं मिलता, तब फिर वह वायु में लीन हो जाती है। वायु आकाश में मिल जाती है। इस तरह प्रलय होती है। सृष्टि जब दोबारा प्रारंभ होगी, उसी क्रम से फिर आगे चलेगी, यह सृष्टि और प्रलय चलते रहते हैं। करोड़ों बार सृष्टि हुई और करोड़ों बार संसार का प्रलय हुआ और हम तभी से चले आ रहे हैं और कब तक इस जन्म मृत्यु के चक्कर में पड़े रहेंगे जब तक ईश्वर को प्राप्त नहीं कर लेंगे। एक बार ईश्वर को प्राप्त कर लो फिर हमेशा के लिए जन्म मृत्यु का चक्कर समाप्त हो जाता है। यद्गत्वा न निवर्तन्ते तद्धाम परमं मम। भगवान् श्री कृष्ण कहते हैं कि जहां जाकर जीव वापस नहीं लौटता, ऐसा मेरा धाम है। जो मुझे एक बार पा लेगा, उसका पुनर्जन्म नहीं होगा। योगी लोग संसार का सुख इसीलिये छोड़ते हैं। आज इंसान बन गये, सुख- संपत्ति, कोठी, मकान, मिल गये, चार दिन आराम कर लो। मर कर फिर जीव जंतु, कीट-पतंग, पशु- पक्षी, बनो बार-बार जियो और बार-बार मरो और अगर इस समय थोड़े से सावधान होकर भजन कर लिया तो हमेशा के लिए जन्म मृत्यु का चक्कर समाप्त हो जायेगा। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा,( उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)

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