इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर की उस बावड़ी को मलबे से भर दिया गया है, जहां रामनवमी पर हुए हादसे में 36 लोगों की मौत हुई थी। हादसे से सबक लेते हुए नगर निगम और पुलिस ने बड़ी कार्यवाई की। नगर निगम ने उसका नामो-निशान मिटा दिया है। बावड़ी के ऊपर बने अवैध बेलेश्वर महादेव मंदिर को तोड़ दिया गया। इसके अलावा नए मंदिर के ढांचे को भी जेसीबी और पोकलेन की मदद से तोड़ा गया। मंदिर तोड़ने का बजरंग दल कार्यकर्ता विरोध करने पहुंचे, लेकिन नगर निगम की कार्रवाई प्रभावित नहीं हुई। अवैध निर्माण तोड़ने से जो मलबा निकला, उससे बावड़ी को बंद कर दिया गया। अफसरों का कहना है कि बावड़ी में दरारें होने से उसका सरंक्षण संभव नहीं है। इस वजह से उसे भरने का ही फैसला लिया गया।
पटेल नगर उद्यान का अवैध निर्माण तोड़ने के लिए नगर निगम का अमला सुबह पांच बजे मौके पर पहुंचा। 50 से ज्यादा मजदूर, तीन जेसीबी और एक पोकलेन मशीन की मदद से सुबह कार्रवाई शुरू की गई। पटेल नगर की तरफ जाने वाले मार्गों पर बैरिकेड्स लगाए गए और अनावश्यक लोगों को नहीं आने दिया जा रहा था। कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस फोर्स भी तैनात था। सुबह दस बजे तक नए मंदिर के निर्माण को आधा तोड़ा जा चुका था। कार्रवाई शुरू होने से पहले बेलेश्वर मंदिर की मूर्तियों को सम्मान के साथ शिफ्ट किया गया। मूर्तियां बावड़ी के दूसरी तरफ रखी थी, वहां तक जाने के लिए क्रेन और झूले की मदद ली गई। झूले में ही मूर्तियों को रखकर लाया गया।
नगर निगम ने पटेल नगर के अलावा ढक्कनवाला कुआं से भी अतिक्रमण हटाया। इस बावड़ी पर भी एक समुदाय धार्मिक पूजा करता था। इसके अलावा सुखलिया ग्राम और गाड़राखेड़ी में भी बावड़ी से अतिक्रमण हटाए गए।
बावड़ी से जुड़ी है बुरी यादें, बंद करना ठीक
पटेल नगर क्षेत्र के रहवासी बोले कि अवैध निर्माण हटाने के बाद बावड़ी को बंद करने का फैसला ठीक रहा। जब भी हम घरों से बाहर निकलते थे तो बावड़ी हादसे की याद दिलाती रही थी। हमें हमारे परिजनों की चीख-चित्कारों का एहसास होता था।