नई दिल्ली। आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के एक मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनके वकीलों ने अदालत को एक नोट सौंपा और कहा कि पूर्व डिप्टी सीएम के खिलाफ मनीलॉन्ड्रिंग का कोई मामला नहीं बनता है। सिसोदिया को इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है।
विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल की अदालत में मनीष सिसोदिया के वकील ने बताया कि प्रेडिकेट अफेंस को लेकर बहुत शोर मचाया जा रहा है, लेकिन ईडी का पूरा केस सीबीआई के केस पर आधारित है। सिसोदिया के वकील ने बताया कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के सेक्शन 3 के तहत किसी भी तरह अपराध सिसोदिया ने नहीं किया है और कोर्ट को यह देखना होगा कि क्या सेक्शन 3 के अंतरगत किसी प्रकार का उल्लंघन किया गया है या नहीं।
सिसोदिया के वकील ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे यह पता चल सके कि सिसोदिया ने मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया हो या वे उसमें शामिल हों। सिसोदिया के वकील ने अदलात में दलील दी कि अपराध की आय का एक भी पैसा मेरे या मेरे परिवार के किसी सदस्य के बैंक खाते में नहीं आया है। उन्होंने कहा, ‘मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से मेरा कोई लेनादेना नहीं है। जांच एजेंसी के अधिकारी अपनी सुविधा के अनुसार आरोप लगा रहे हैं।’
ईडी ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को 9 मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था जहां वह सीबीआई के एक अन्य मामले के संबंध में पहले से बंद थे। सीबीआई ने आप नेता सिसोदिया को अब रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।