पटना। पूर्व एमएलए और कई सालों तक नवादा और गोविंदपुर की विधायक रहीं गायत्री देवी का आज सुबह पटना के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। रिपोर्ट के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पूर्व ही वो पटना में भर्ती हुई थी, जिसके बाद उनके शुभचिंतक उनकी सलामती को लेकर दुआ और प्रर्थना कर रहे थे, लेकिन, आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद नवादा के राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गयी है। पूर्व एमएलए गायत्री देवी के निधन पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार समेत अन्य नेताओं ने शोक जताया है।
गायत्री देवी करीब तीन दशक तक गोविंदपुर और नवादा की विधायक रहीं। उनका शव नवादा लाया जाएगा और नवादा के मंगर बीघा घाट पर अंतिम संस्कार होगा। बताया जा रहा है कि वह पिछले कई दिनों से पटना के एक निजी अस्पताल में इलाजरत थी। गायत्री देवी जदयू नेता और पूर्व विधायक कौशल यादव की मां और पूर्व विधायक पूर्णिमा यादव की सास हैं। गायत्री देवी के पति युगल किशोर यादव भी बिहार सरकार में मंत्री रहे थे। वह 3 दशक से ज्यादा वक्त तक नवादा की राजनीति का केंद्र बनीं रही थी। 27 वर्षों तक विधायक, बिहार सरकार में मंत्री और कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रहीं।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
गायत्री देवी का राजनीतिक सफर 1970 से ही शुरू हुआ था। 1969 में इनके पति युगल किशोर सिंह यादव लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर गोविंदपुर विधानसभा से एमएलए बने थे। उस समय दरोगा राय मंत्रिमंडल में मंत्री भी बने थे। उस समय उनका निधन हो गया था, पति की मौत के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए विधानसभा का चुनाव लड़ी और 1970 में पहली बार गोविंदपुर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव जीती। उसके बाद 1972 से 1977 तक कांग्रेस के टिकट पर नवादा की विधायक रहीं।
27 सालों तक गायत्री देवी रहीं विधायक
इसके बाद लगातार 15 वर्ष तक गोविंदपुर से कांग्रेस की विधायक रहीं। इसके बाद 95 में हार मिली। तथा 2000 के चुनाव में राजद के टिकट पर गोविंदपुर विधानसभा से ही चुनाव जीती। 2005 तक विधायक रहने के बाद उनकी राजनीतिक पारी का अंत हुआ। 2005 के चुनाव में पुत्र कौशल यादव जीते और परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया। इसी तरह 27 साल तक गायत्री देवी विधायक रहीं। पूर्व विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरेंद्र कुमार ने कहा कि सत्येंद्र नारायण सिंह के मंत्रिमंडल में वह मंत्री रहीं थीं। उनके निधन से सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में शोक की लहर फैली हुई है। इनको नवादा में लोग आयरन लेडी के नाम से भी जानते थे।