जब तक भगवत् दर्शन नहीं होगा, तब तक हृदय का जलन नहींं हो सकता शांत: दिव्य मोरारी बापू

पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, आजकल तो दो लाख पचास हजार वोट एक को मिल जाये और दो लाख उनचास हाजार नौ सौ निन्यानबे ओट एक को मिले, तो एक ओट ज्यादा वाला जीत जाता है और गद्दी पर बैठ जाता है। वो यह नहीं सोचता कि मेरे इतने विरोधी भी तो हैं। उसको तो कुर्सी चाहिए और यहां तो एक भी वोट विरोध में नहीं। आनंद की बात तो यह है कि अगर भगवान् श्रीराम वोटिंग कराते हैं तो दो वोट राम के विरुद्ध गिरना था। कौन-कौन सा? कैकई अंबा और मंथरा का। लेकिन वोटिंग में शत प्रतिशत वोट भरत को मिल रहे हैं। भरत को राज्य स्वीकार करना चाहिए कि नहीं? जहां सर्वानुमति है, सबकी अनुमति है। लेकिन भरतलाल जी से जब कहा गया कि अब आप अपनी स्वीकृति दो।
श्रीभरतलालजी उठे उनकी आंखों से अश्रु प्रवाहित हो रहे थे, उन्होंने हाथ जोड़कर यही कहा कि- ” आप लोग मुझे राज्य देकर अपना सुख चाहते हैं या मुझे सुख देना चाहते हैं। अगर आप अपना सुख चाहते हैं तो समझ लीजिए कि कैकई ने राज्य का प्रस्ताव रखा मेरे लिये और पिता स्वर्गवासी, प्रभु बनवासी हो गये। माताओं को वैधव्यता स्वीकार करना पड़ा। कैकेयी अंबा राज्य में सुख देख रही हैं। भरत लाल जी को राज्य मिल रहा है, पत्नी मांडवी है। सर्वानुमति से विशेष सम्मान मिलने जा रहे है। लेकिन भरतजी ने घोषणा कर दी।
देखे बिनु रघुनाथ पद जिय की जरनि न जाय।। जब तक भगवत् दर्शन नहीं होगा, तब तक हृदय की जलन शांत नहीं हो सकती। जब तक कामनाओं का त्याग नहीं होगा, तब तक प्रभु का दर्शन नहीं होगा और तब तक शांति नहीं मिलेगी। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)

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