नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच जून 2020 में हुई गलवान हिंसा के बाद से ही तनाव चरम पर है। चीन अरुणाचल प्रदेश की करीब 90 हजार वर्ग किमी जमीन पर अपना दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है। चीन के साथ लगातार जारी सीमा विवाद के बीच भारत ड्रैगन को झटका देने की तैयारी में है। सेना ने अरुणाचल प्रदेश में अपने युद्ध अभ्यास में बड़े स्तर पर हथियारों को शामिल किया है।
इन हथियारों को किया शामिल
रिपोर्ट के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों में सेना एक गोलीबारी प्रशिक्षण अभ्यास कर रहा है, जिसे ‘बुलंद भारत’ नाम दिया गया है। जानकारी के अनुसार, अभ्यास के दौरान सेना ने कई भारी हथियारों का उपयोग किया। इसमें 155 मिमी बोफोर्स होवित्जर, 105 मिमी फील्ड गन और 120 मिमी मोर्टार भी शामिल है।
एलएसी पर भी हथियार तैनात
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य टकराव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में देश में घुसपैठ को रोकने के लिए करीब 3,488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कई शक्तिशाली हथियारों को तैनात किया है। इनमें पुरानी 105 एमएम फील्ड गन, बोफोर्स, उन्नत धनुष, शारंग गन, पिनाका और स्मर्च मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम, नए एम-777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर और विंटराइज्ड के-9 सेल्फ-प्रोपेल्ड ट्रैक्ड गन शामिल हैं।
मालूम हो कि चीन ने सिक्किम-अरुणाचल प्रदेश सीमा पर अपने हमले तेज कर दिए, जिसके परिणामस्वरूप 9 दिसंबर 2022 को तवांग के यांग्त्से में दोनों सेनाओं में लड़ाई हुई। इस दौरान करीब 300 चीनी सैनिकों ने LAC पर भारतीय पोस्ट हटाने की कोशिश की थी। दोनों पक्षों में हाथापाई भी हुई थी। हालांकि भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया था। इसी को लेकर सेना और भारतीय वायु सेना पूर्वी क्षेत्र में युद्ध की तैयारी करने के लिए कई अभ्यास कर रही है।