Artificial Intelligence: उत्तर प्रदेश के कानपुर में सर्राफा कारोबारियों और रियल एस्टेट ग्रुप पर इनकम टैक्स की छापेमारी लगातार 5 दिनों तक की गई। जिसमें देशभर में 55 ठिकानों पर यह छापेमारी हुई जिसमें केवल कानपुर में ही 17 जगहों पर छापा मारा गया। इनकम टैक्स की यह छापेमारी सोमवार की देर रात पूरी हुई। सूत्रों के अनुसार, पिछले कई महीनों से आयकर विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा हाई वैल्यू संदिग्ध लेनदेन पर नजर बनाए रखा था। इनकम टैक्स विभाग ने सबूतों को इक्ट्ठा करने के बाद इस छापेमारी को अंजाम दिया। जिसमें 25 करोड़ की कीमत की नगदी, ज्वेलरी सीज और 6 करोड़ कैश नया गंज की बंद पड़ी दुकान से बरामद किया गया। इसके अलावा भी आयकर विभाग ने 1500 करोड़ की फर्जी लेन-देन को भी पकड़ा है।
इनकम टैक्स अधिकारियों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके इस तरह की टैक्स चोरी पर शिकंजा कंसा गया है। इससे पहले यह काम आयकर विभाग के लोग स्वंय करते थे और अधिकारियों को ट्रेल बनाने में कई दिन लग जाते थे। अब इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा एक एंट्री डालते ही पीछे की कई एंट्री सॉफ्टवेयर अपने आप पकड़ लेता है और ट्रांजेक्शंस की ट्रेल बना देता है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले कई समय में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टेक्नोलॉजी के मामले में काफी हाईटेक हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, इनकम टैक्स के चुनिंदा अधिकारियों के पास यह भी सुविधा है कि वे पैन नंबर डालकर किए गए सभी लेन-देन को अपने कंप्यूटर की स्क्रीन पर देख सकते हैं।
सोमवार रात को इनकम टैक्स के अधिकारी नायागंज स्थित बाग्ला बिल्डिंग पहुंचे, वहां स्थित एक बंद दुकान में 10 करोड़ कैश को जब्त किया। सूत्रों के मुताबिक टीम पुरुषोत्तम राधा मोहन दास ज्वेलर्स के शोरूम में छापेमारी कर रही थी, जिसके बाद उन्हें सूचना मिली कि नया गंज स्थित बागला बिल्डिंग में कपड़े की दुकान में कुछ रकम छुपाई गई है। यह दुकान राधामोहन पुरषोत्तमदास ज्वेलर्स वालों की ही है, लेकिन किसी और को कपड़े के काम के लिए दी गई थी। इसके बाद दो टीमें वहां पहुंची और कई घंटों तक दुकान में कपड़ों को खंगालने के बाद एक बैग से 10 करोड़ बरामद किए। सूत्रों के अनुसार, 18 करोड़ कैश और 7 करोड़ की कीमती सामान इनकम टैक्स द्वारा जप्त किए गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, कानपुर के कई बड़े पूंजीपति, कारोबारी और बिजनेसमैन आयकर विभाग, ईडी और डीजीजीआई की रडार पर हैं। इन लोगों का कारोबार कानपुर समेत देशभर में फैला हुआ है। इस रेड के दौरान ऐसे कई बड़े पूंजीपतियों से कनेक्शन भी सामने आया है। आयकर विभाग के मुताबिक, इस रेट में 200 करोड़ की ऊपर की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। आयकर विभाग अपनी एक डिटेल रिपोर्ट बनाकर अन्य एजेंसी को भी साझा करेगी।