हैदराबाद। हैदराबाद में आयकर विभाग को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। आयकर विभाग ने 40 करोड़ रुपये के कर रिफंड घोटाले का खुलासा किया है। आठ टैक्स सलाहकार, रेलवे और पुलिस विभाग के कई कर्मचारी, हैदराबाद और विजयवाड़ा में कई टेक्नोलॉजी कंपनियां अब हैदराबाद स्थित आईटी जांच विंग के दायरे में हैं। आईटी जांच विंग के अधिकारियों ने निज़ामपेट, एलबी नगर और वनस्थलीपुरम में विभिन्न स्थानों पर एक सर्वेक्षण किया। आईटी अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि इसमें शामिल सरकारी अधिकारियों और तकनीकी पेशेवरों पर मुकदमा चलाने के लिए नोटिस दिए जाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि संबंधित पुलिस स्टेशन में एक आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि धोखाधड़ी केवल शुरुआत थी और संदेह है कि घोटाला बड़े पैमाने पर हो सकता है। बताया कि धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल अधिक संख्या में सलाहकारों और कर्मचारियों की पहचान करने के लिए अगले कुछ दिनों का जांच का सिलसिला जारी रहेगा। आईटी विभाग के सूत्रों के मुताबिक, सलाहकार फर्जी दस्तावेज बनाते हैं या धारा 80सीसी और 80डीडी के तहत उचित दस्तावेज के बिना रिटर्न दाखिल करते हैं, भले ही कर्मचारी पात्र नहीं थे। प्रत्येक सलाहकार ने लगभग 500 से 1,000 ऐसे आईटी दाखिल किए थे।
आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब इस तरह की धोखाधड़ी वाला मामला सामने आया है। 2017 में, आईटी विभाग ने दावा किया था 200 सॉफ्टवेयर कर्मचारियों ने अपने परिवार के सदस्यों के बीच विकलांगता और पुरानी बीमारियों का बहाना बनाकर गलत तरीके से रिफंड किया। हैदराबाद सेंट्रल क्राइम स्टेशन ने जांच की और इसमें शामिल सलाहकारों और कर्मचारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।