Poem on rain in hindi : हैलो दोस्तो! बारिश का मौसम किसे नही पसंद, बारिश के मौसम का हर कोई आंनद लेता है। बारिश की बूदों का शरीर पर गिरना मन कों ओत प्रोत कर देता है। तो ऐसे में ही इस बारिश के मौसम के बीच आज हम आप के लिए लेकर आए है वर्षा ऋतू पर अनमोल कविताएं। वर्ष की सारी ऋतुओ में से वर्षा ऋतू सबसे सुहावनी होती है। क्योंकि इस ऋतु में खूब बारिश होती है। इस मौसम में चारो तरफ हरियाली हो जाती है। जो मन को लुभाती है, ठंडी-ठंडी हवाए चलती है, जो गर्मी से राहत प्रदान करती है। तो चलिए शुरू करते है बारिश के इन कविताओं को…
Barish poem in hindi बारिश कहाँ पे रहती है –
यूँ गरजे यूँ बरसे बादल,
हवा भी ज़ोर से चलती है।
मुझे बता दो ऐ चलते बादल,
बारिश कहाँ पे रहती है ।
क्यूँ पहले तुम बादल आते,
फिर बारिश आती है,
मेरी बचपने को देखकर,
माँ मुझे ये समझती है।
ये बारिश बनती बादल से ही,
सो बादल पहले आते हैं,
इन बारिश की बूंदों से ही,
सबका मन हर्षाते हैं।
Barish poem in hindi: ये समय फिर न आनी है–
हवा की खुशबू में,
चलो घूम के आते हैं !
पानी की बूंदों के नीचे,
एक पल यही बिताते हैं !
है घनघोर घटा छायी आज,
टप-टप गिरता पानी हैं !
खेलो कूदो बारिश में तुम,
ये समय न फिर से आनी है ।
जब यूँ गांवों में बारिश के नीचे,
हम बच्चे भीग के आते थे !
यूँ गीली मिटटी में ही हम,
खेल कूद मचाते थे !
बचपन की वो बारिश की याद,
आज भी हमें जब आती है !
देख आज की शहरों की बारिश,
खूब हमें ललचाती है !!
Poem on rainy season: बादल घिर आई, गीत की बेला लाई-
बादल घिर आए, गीत की बेला आई।
आज गगन की सूनी छाती
भावों से भर आई
चपला के पावों की आहट
आज पवन ने पाई
डोल रहें हैं बोल न जिनके
मुख में विधि ने डाले
बादल घिर आए, गीत की बेला आई।
बिजली की अलकों ने अंबर
के कंधों को घेरा,
मन बरबस यह पूछ उठा है
कौन, कहाँ पर मेरा?
आज धरणि के आँसू सावन
के मोती बन बहुरे,
घन छाए, मन के मीत की बेला आई।
बादल घिर आए, गीत की बेला आई।
arsha ritu poem in hindi: कभी बोलता सुखापन–
जब-जब पानी आता है
पत्ते, फूल खिलाता है
बरखा रानी आती है
रिमझिम पानी लाती है।
पानी आता झर-झर
बादल गरजते गर-गर-गर
बिजली रानी चमकती है
लगता अच्छा नभ मंडल।
कभी आता ज्यादा पानी
कभी आता पानी कम
कभी कहीं पर बाढ़ बोलती
कभी बोलता सूखापन।