J&K: व्हाट्सएप पर ही मिलेगा मानसिक तकलीफों का सामाधान, LG ने शुरू मैसेज के जरिए पहली सेवा

Health news in jammu: उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के एसकेआईसीसी में जम्मू कश्मीर स्वास्थ्य कॉन्क्लेव में प्रदेशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उप राज्यपाल ने 56.18 करोड़ रुपये की 44 स्वास्थ्य सुविधाओं का शिलान्‍यास किया। वहीं, इसके अलावा भी टी-3 परीक्षण, उपचार और चर्चा एनीमिया शिविर, गैर अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग कार्यक्रम को शुरू किया गया।

इसके साथ ओपीडी पंजीकरण के लिए स्कैन सेवा का औपचारिक उद्घाटन किया गया। चैट बॉट सेवा को भी  आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी से जोड़ा गया है, जिसमें टेलीमानस काउंसर से संदेश के माध्यम से संवाद का प्रावधान होगा। हालांकि, इससे पहले प्रदेश में टेली मानस (टेली मेंटल हेल्थ असिस्टेंस एंड नेटवर्किंग एक्रास स्टेटस) सेवा काम कर रही है।

फोन से भी पा सकते है मानसिक समस्याओं का समाधान

जिसमें समर्पित टेलीफोन नंबर से काल कर लोग मानसिक समस्याओं का समाधान पा रहे हैं, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे भी लोग हैं जो अपनी समस्या को फोन के माध्यम से बताने में हिचकिचाते हैं, वे लोग अब व्हाट्स एप पर समर्पित नंबर से मैसेज करके आप अपनी मानसिक तकलीफों का समाधान पा सकते हैं। टेली मानव चैट बॉट सेवा में पीड़ित को अपनी मानसिक समस्या को मैसेज के माध्यम से बताना होगा, जिसमें उन्हें उचित समाधान बताया जाएगा। यह देश में मैसेज के माध्यम से शुरू हुई अपनी तरह की पहली सेवा है। एलजी ने कहा कि नई स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में स्वास्थ्य परामर्शदाताओं, नैदानिक मनोवैज्ञानिकों और सलाहकारों की चौबीस घंटे सेवाएं सुनिश्चित बनाई जा रही है।

मनोज सिन्‍हा ने कहा कि हमारा अंतिम उद्देश्य रोगी केंद्रित देखभाल है। यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल व्यक्तिगत रोगियों के शारीरिक और भावनात्मक कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान करें। जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च देश में सबसे ज्यादा है।
स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल के लिए प्रगतिशील नियम और कानून बनाने की जरूरत

उन्‍होने कहा कि हमें आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए प्रगतिशील नियम और कानून बनाने की जरूरत है। आज शुरू की गई नई ऐतिहासिक पहल सभी को गुणवत्तापूर्ण, सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में जम्मू कश्मीर प्रशासन की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। पिछले कुछ वर्षों में यूटी में समग्र स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित हुआ है। इस दौरान सलाहकार राजीव राय भटनागर, मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता आदि मौजूद रहे।

प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग ने होमी भाभा कैंसर अस्पताल व अनुसंधान केंद्र और निमहंस के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। एलजी ने कहा कि होमी भाभा कैंसर अस्पताल व अनुसंधान केंद्र के साथ समझौता प्रदेश में कैंसर देखभाल सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। वहीं, एनआईएमएचएएनएस बंगलरू के साथ एमओयू से मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, चिकित्सा अधिकारियों और नर्सिंग स्टाफ के प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण में सुधार होगा।

380 आशा कर्मियों की होगी भर्ती 

इसके अलावा भी उपराज्यपाल ने इस कार्यक्रम के दौरान आशा कर्मियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। स्वास्थ्य सेवाओं को सामुदायिक विस्तार में सुधार के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जम्मू-कश्मीर भारत सरकार द्वारा अनुमोदित 380 अतिरिक्त आशा कर्मियों और 31 आशा फैसिलिटेटर की भर्ती कर रहा है। विभिन्न जिलों के लिए 334 जनजातीय आशा कार्यकर्ता भी स्वीकृत हैं, जिनका उद्देश्य प्रवासी आबादी के स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार के प्रयास में जनजातीय आबादी की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करना है।

 

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