jp nadda jaipur visit: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा आज दिन रविवार को राजस्थान दौरे पर है। जेपी नड्डा के जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचते ही प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और सांसद दिया कुमारी ने उनका शानदार स्वागत किया। इसके बाद वे चंदन वन स्थिल सभा स्थल के लिए रवाना हो गए।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने जयपुर दौरे पर चंदन वन से बटन दबाकर ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ अभियान की शुरुआत की। उन्होंने जयपुर में गहलोत सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार करने की खुली छूट है। राजस्थान में गहलोत सरकार महिलाओं, दलित, पिछड़े सब पर अत्याचार कर रही है। कांग्रेस पार्टी बेटा और मां की पार्टी है।
नड्डा ने अपने संबोधन की शुरुआत वीरों की भूमि को नमन करके की। उन्होंने कहा कि मैं जयपुर में आया हूं तो मोती डूंगरी गणेश मंदिर हमारे गणेश जी को, गोविंद देव जी, गलता माता जी को भी नमन करता हूं। इसके साथ-साथ हमारे वीरों की भूमि शौर्य की भूमि, तपस्या की भूमि सामाजिक चेतना लाने वाली भूमि स्वाधीनता की लड़ाई लड़ने वाली ऐसी वीर भूमि को भी नमन करता हूं और आशीर्वाद लेकर अपनी बात पहुंचाता हूं।
घर लूटने वाली है ये सरकार
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मुझे पहले यहां कई वक्ताओं ने आपके सामने बहुत सी बातें रखीं। आखिर क्या कारण है कि भारतीय जनता पार्टी को यह तय करना पड़ा कि ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ इस बात को लेकर महारैली करनी पड़ी। इसका कारण है गहलोत की सरकार। ये गहलोत की सरकार नहीं है, ये घर को लूटने वाली सरकार है, जो आज राजस्थान में है। दिल्ली को पैसा भेजना, गरीबों के पैकेज का हिस्सा उड़ाना, सरेआम भ्रष्टाचार को प्रस्तावित करना, भ्रष्टाचार के नए रिकॉर्ड बनाना, यह गहलोत सरकार का काम करने का चाल चरित्र है। यह सरकार लूट लेने वाली सरकार है। यह सरकार अत्याचार करने वाली सरकार है। यह सरकार कुशासन लाने वाली सरकार है। ऐसी सरकार को बिल्कुल भी एक मिनट भी रहने का अधिकार नहीं है। आने वाले नवंबर में आप इसको बाहर का रास्ता दिखाएंगे इस बात का मुझे विश्वास है।
भ्रष्टाचार से मुक्त लाएंगें सरकार
उन्होंने कहा कि राजस्थान में पांच साल के रिकॉर्ड क्या हैं? गहलोत सरकार ने कुशासन के झंडे जलाने का काम किया है। अगर भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड बनाया तो गहलोत सरकार ने बनाया और इसी बात को आगे बढ़ाएं तो सामने आता है चाहे दलितों पर अत्याचार या महिलाओं पर अत्याचार हो, आदिवासियों पर अत्याचार, बच्चों पर अत्याचार, सभी में राजस्थान में सारे रिकॉर्ड तोड़ने का काम किया है। इसीलिए हमने तय किया है ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ पर कैंपेन चला कर दो करोड़ लोगों तक पहुंचने का काम करें। हर पंचायत में जाएंगे। हर ढाणी में जाएंगे। जनता को पार्टी का संदेश पहुंचाएंगे और भ्रष्टाचार मुक्त और विकास युक्त सरकार लाएंगे। इसी बात को लेकर हम आगे चलेंगे मित्रों। यह यूपीए है क्या ‘यू’ का मतलब उत्पीड़न करने वाली, ‘पी’ का मतलब है पक्षपात और ‘ए’ का मतलब है अत्याचार करने वाले सरकार।
करौली घटना को दबाने का काम किया
आप को ध्यान में होगा एक कांग्रेस का नेता विधानसभा में जो मंत्री है। वह विधानसभा में कहते हैं मुझे उनके वाक्य बोलने में शर्म आती है। अभी जो करौली में जो घटना घटी दो दिन पहले। यह घटना मानवता को झकझोर देने वाली घटना है। पहले अपहरण होता है, उसके बाद रेप होता है, फिर गोली से मार दिया जाता है, फिर ऐसे जलाया जाता है, फिर कुएं में डाल दिया जाता है। हर तरीके से केस को दबाने का काम किया गया। ये काम गहलोत सरकार करती है।
दौसा में अपहरण
दौसा में अपहरण हुआ। पिता को कुचल डाला और माता को अटैक कर कर घायल कर दिया और अपहरण कर ले गए। बताइए उत्पीड़न है कि नहीं। इसके खिलाफ आवाज उठानी है कि नहीं। जो लोग ऐसे लोगों को संरक्षण देते हैं उन्हें जेल के पीछे डालना है कि नहीं। इनको सजा दिलानी है कि नहीं। उत्पीड़न करने वाली सरकार को जवाब देना होगा। आज प्रतिदिन लगभग 18 से 19 रेप केस 5 से 7 मर्डर केस हैं। 24000 से ज्यादा महिलाओं का दुष्कर्म हुआ है। दुर्गा स्थान भाईचारे के लिए जाना गया आज यहां पर महिला उत्पीड़न चरम शिखर पर है। ऐसे लोगों को राजस्थान की जनता को जवाब देने की जिम्मेदारी है। ऐसे नहीं सहेगा राजस्थान।
जयपुर में बम ब्लास्ट
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मैं पक्षपात की बात करूं तो जयपुर बम ब्लास्ट केस में हुआ था। वसुंधरा जी मुख्यमंत्री थीं। केस को फास्ट्रैक में डाला गया। कोर्ट ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई, जब वसुंधरा जी मुख्यमंत्री थीं, लेकिन उसके बाद कांग्रेस पार्टी की सरकार आई। लंबे-लंबे समय तक सुनवाई चलती रही। केस ढीला पड़ गया। तुष्टीकरण हुआ और वोट बैंक की खातिर सरकार पर और गहलोत पर आरोप लगाता हूं कि उन्होंने तुष्टीकरण किया और जयपुर बम ब्लास्ट के कातिलों को छोड़ने में मदद की गई। फांसी की सजा उनकी समाप्त हो गई। पक्षपात करने वाले मुख्यमंत्री को रहने देना है क्या आज राजस्थान?