Supreme Court: मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के मामले में केंद्र सरकार को राहत मिली है. कोर्ट ने गुरुवार को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि वह इसको लेकर बाद में विस्तृत आदेश पारित करेगा.
जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि वह मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 की वैधता को चुनौती देने वाली मुख्य याचिकाओं पर गौर करेगी. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि वह चुने गए चुनाव आयुक्तों की योग्यता पर सवाल नहीं उठा रहा है, बल्कि उस प्रक्रिया पर सवाल उठा रहा है, जिसके अंतर्गत आयुक्तों को नियुक्ति किया गया है. इसे लेकर केंद्र से 6 हफ्ते के अंदर ही जवाब दाखिल करने को कहा गया है.
Supreme Court की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि संसद से पास हुए कानून के अंतर्गत ही चुनाव आयुक्तों का चयन हुआ है. हम अंतरिम आदेश से कानून पर रोक नहीं लगाएंगे. चुनाव के दौरान आयोग के काम को प्रभावित करना ठीक नहीं.
Supreme Court: मीटिंग की तारीख बदलने पर सवाल
कोर्ट ने इस बात को लेकर प्रश्न खड़ा किया कि चयन कमिटी की मीटिंग को 15 मार्च से बदल कर 14 मार्च कर दिया गया. इसके साथ ही, विपक्ष के नेता को बैठक से कुछ ही देर पहले नाम दिए गए. कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर अपना मन लगाने के लिए चयन समिति को अधिक समय दिया जाना चाहिए था. चयन समिति को अधिकारियों की पृष्ठभूमि समझने के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए.
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