Brain Cancer: कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो एक बार शरीर में प्रवेश कर गया तो फिर चाहे कितना भी इलाज क्यों न कराया जाए ये इंसान की जान लेकर ही छोड़ता है. कुछ ही ऐसे लोग होते है, जो सर्वाइव कर जाते हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि इसके शुरूआत के दिनों में ही इसका पता चल सकें.
बता दें कि कैंसर के लक्षण शरीर के अंग के अनुसार, एक-दूसरे से अलग होते हैं. ऐसे में कुछ हिस्सों के कैंसर को पता लगा पाना बहुत ही मुश्किल होता है, लेकिन एक हाल ही में की गई रिसर्च के मुताबिक, ब्रेन कैंसर का अब केवल एक ब्लड टेस्ट से ही पता चल सकेगा, जिसके लिए महज 60 मिनट का समय लगेगा.
Brain Cancer: कैसे होता है ब्रेन कैंसर
बता दें कि जब मस्तिष्क के ऊतकों में कोशिकाओं का असामान्य और अनियंत्रित विकास होता है, जिससे ट्यूमर का निर्माण होता है और ये ट्यूमर ब्रेन की प्रमुख कार्य प्रणालियों को बाधित कर सकते हैं. जानकारों के मुताबिक, अभी तक ब्रेन कैंसर के सही कारण का पता नहीं लगाया जा सका है, लेकिन इसके कुछ प्रमुख जोखिम तत्वों में आयोनाइजिंग रेडिएशन, आनुवंशिक प्रवृत्ति, कुछ पर्यावरणीय कारक, और विशेष चिकित्सा स्थितियां शामिल हैं.
ब्लड टेस्ट से मिलेगी जानकारी
कैंसर का पता लगाने वाले इस ब्लड टेस्ट को अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ नोट्रे डेम के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. इस टेस्ट में मात्र 100 माइक्रोलिटर खून की जरूरत होती है. हालांकि यह मस्तिष्क के सबसे आम और घातक ट्यूमर, गलायोब्लास्टोमा, से जुड़े बायोमार्कर को महज एक घंटे में पहचान लेता है.
वैज्ञानिकों ने ‘लिक्विड बायोप्सी’ पर किया काम
कैंसर के इस नई खोज में वैज्ञानिकों ने ‘लिक्विड बायोप्सी’ पर काम किया है. उनका कहना है कि गलायोब्लास्टोमा एक ऐसा ट्यूमर है जो ब्रेन में अत्यधिक तेजी से बढ़ता है और उपचार में कठिनाई उत्पन्न करता है. गलायोब्लास्टोमा का निदान आसान नहीं होता है, इसमें काफी समय लगता है.
Brain Cancer: जानें ब्रेन कैंसर के लक्षण
एक्सपर्टस् की माने तो आमतौर पर इसमें मरीज को सिर दर्द, दौरे पड़ना, थकान, सोचने में कठिनाई, मलती, नींद की कमी, बात करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि उनका ये भी कहना है कि ब्रेन कैंसर का लक्षण इसके विकास पर निर्भर करता है.
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