Smallest cow: देश में गाय की 50 से भी अधिक नस्लें होती हैं, जिनकी अपनी खासियत है. इन्हीं में से एक है पुंगनूर गाय, जो अपने छोटे कद के लिए दुनियाभर मशहूर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस गाय के साथ कई बार दिख चुके हैं. वहीं, प्रधानमंत्री आवास में भी इन्ही विशेष गायों को पाला जाता है.
बता दें कि ये गाय दिखने में ही छोटी है, लेकिन इसकी खूबियां बाकी नस्लों से काफी अलग और महत्वपूर्ण भी है. पुंगनूर गाय का दूध भी काफी अच्छा होता है. वहीं, छोटा कद होने के चलते इसके रखरखाव में भी काफी आसानी रहती है.
आंध्र प्रदेश में मिली पुंगनूर गाय
भारतीय नस्ल की पुंगनूर गाय मूलरूप से आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखती है. यहां पूर्वी गोदावरी जिले के लिंगमपट्टी गांव में 4 एकड़ में फैली एक गौशाला में पुंगनूर गाय का संरक्षण-संवर्धन किया जा रहा है. क्योंकि ये गायें अब विलुप्त होने के कगार पर है. आपको बता दें कि ये गाय जितनी छोटी होती है, इसकी कीमत उतनी ही ज्यादा होती है. आमतौर पर इन गायों का जोड़ा 1 लाख से 25 लाख तक में बिकता है.
बेहद फायदेमंद है इसका दूध
बता दें कि पुंगनूर गाय मूल स्थान दक्षिण भारत ही है. ये आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में पाई जाती है. यहां के पुंगनूर के स्थान पर ही इन गायों का नाम रखा गया है. इस गाय के दूध में 8% वसा के साथ औषधीय गुण भी भरपूर मात्रा में होता है, जबकि सामान्य गाय के दूध में 3 से 3.5 प्रतिशत तक ही वसा मिलता है. वहीं, छोटे कद वाली पुंगनूर गाय प्रतिदिन 3 से 5 लीटर दूध देती है. ये नस्ल सूखा प्रतिरोधी भी है, जिसके चलते दक्षिण भारत के साथ-साथ दिल्ली, यूपी, बिहार गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश के तमाम इलाकों के लिए अनुकूल है.
ऋषि-मुनि भी पालते थे पुंगनूर गाय
पुंगनूर को ऋषि-मुनि भी पालते थे. खास बात ये है कि पुंगनूर गायों की देखभाल आसानी से हो जाती है. ये गाय ज्यादा चारा नहीं खाती और इसकी दूध में सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. हालांकि देश में जब विदेशी नस्लों को चलन बढ़ने लगा तो पुंगनूर गाय भी विलुप्त होने लगी. आंध्र प्रदेश में मौजूद पुंगनूर गाय की लंबाई 1 से 2 फीट ही हैं.
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