Strange Taxes: इन दिनों दुनियाभर के कई देशों में रोबोर्ट टैक्स लगाने पर बहस छिड़ी हुई है. अर्थात वे कंपनियां जो रोबोट्स से काम ले रही हैं उन्हें टैक्स चुकाना होगा. हालांकि अभी ये कुछ देशों में ही लागू किया जा रहा है. ऐसे में आपको बता दें कि दुनियाभर में कई ऐसे भी टैक्स है जिन्हें सुनकर आप भी हंस पडेंगे, तो देर किस बात कि चलिए उन सभी टैक्सों के बारे में जानते है.
दाढ़ी पर टैक्स
आपको यह सुनकर हंसी जरूर आएगी लेकिन 1705 में रूस के शासक पीटर द ग्रेट ने दाढ़ी पर टैक्स लगाया था. बता दें कि पीटर की इच्छा थी कि रूस का समाज भी यूरोपीय देशों के समाज की तरह आधुनिक हो और लोग नियम से दाढ़ी मुंडवाते रहें. उस वक्त रूस में दाढ़ी टैक्स चुकाने वालों को एक टोकन मिलता था. जिसे उन्हें हर समय साथ लेकर चलना होता था.
खिड़की पर टैक्स
सुनने में तो थोड़ा अजीब है, लेकिन 1696 में विलियम तृतीय ने खिड़की पर टैक्स लगाया था. ऐसे में उस समय जिसके घर में जितनी खिड़की होती थीं उतना ज्यादा टैक्स देना होता था, जिसके कारण लोगों ने अपने घर में खिड़कियां कम करनी शुरू कर दीं जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होने लगीं. जिसके चलते बाद में यह टैक्स खत्म कर दिया गया.
गाय पर टैक्स
दरअसल, डेनमार्क और कुछ यूरोपियन नेशन गायों के गैस रिलीज करने पर भी टैक्स लगाया जाता है. दरअसल ग्लोबल वॉर्मिंग का सामना करने के लिए यह टैक्स लगाया जाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप के कुल ग्रीनहाउस में गाय के हवा छोड़ने का 18 फीसदी योगदान होता है. ऐसे में आयरलैंड में यह टैक्स हर गाय पर 18 डॉलर का टैक्स लगता है, लेकिन डेनिश किसानों को हर गाय पर 110 डॉलर का टैक्स देना पड़ता है.
ब्रेस्ट टैक्स
इसके अलावा, भारत के त्रावणकोर राज्य में समाज के वंचित वर्गों की महिलाओं पर ब्रेस्ट टैक्स देना होता था. बता दें कि पहले के समय में ‘नीची जाति’ की महिलाओं को स्तन ढकने की आजादी नहीं थी. ऐसे में स्तन ढाकने के लिए उन्हें टैक्स चुकाना पड़ता था. ऐसे में टैक्स कलेक्टर्स ब्रेस्ट माप कर उसी के अनुसार टैक्स वसूलते थे, जिससे परेशान होकर एक बहादुर युवती ने अपना स्तन काटकर टैक्स कलेक्टर के हाथ में ही दे दिया था. जिसके बाद इस टैक्स को खत्म कर दिया गया.
ज्यादा स्मोक करने पर टैक्स
वहीं, जिस वक्त चीन में आर्थिक संकट चल रहा था तो उस वक्त मध्य चीन के हुबेई प्रांत में स्थानीय प्रशासन ने अधिकारियों ने ज्यादा राजस्व इकट्ठा करने के लिए और स्थानीय निर्माताओं को बढ़ावा देने के लिए बाहरी सिगरेट पीने पर टैक्स लगा दिया था.
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