One Nation One Election : ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को मंगलवार को कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में पेश किया. इस दौरान कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस जैसे बड़े विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया. हालांकि इससे पहलें केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते गुरुवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दे दी थी.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले साल 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक देश एक चुनाव के अपने विचार को आगे बढ़ाया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि देश के एकीकरण की प्रक्रिया हमेशा चलती रहनी चाहिए. इसके अलावा, 2024 में भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने इस विधेयक पर अपना विचार रखा था.
पहले कब एक साथ चुनाव हुए?
आपको बता दें कि आजादी के बाद देश में पहली बार साल 1951-52 में चुनाव हुए थें, उस दौरान भी लोकसभा के साथ ही सभी राज्यों की विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए थे. वहीं, इसके बाद भी 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ ही चुनाव कराएं गए थें, लेकिन 1968-69 के बाद यह सिलसिला टूट गया, क्योंकि कुछ विधानसभाएं विभिन्न कारणों से भंग कर दी गई थीं.
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