भारत का सबसे खतरनाक एयर डिफेंस सिस्टम S-400, एक बार में 80 मिसाइलों को कर सकता है ध्वस्त

defense system:भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच 8 मई की रात को पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर मिसाइल से हमला किया। हालांकि, पाकिस्तान की ओर से हुए इस हमले को भारत के रक्षा कवच S-400 ने नाकाम कर दिया। भारत सरकार की जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से आई सभी मिसाइलों को एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही ध्वस्त कर दिया। रुस ने इस एयर डिफेंस सिस्टम को विकसित किया था और 5.4 अरब डॉलर खर्च करके भारत ने यह प्रणाली खरीदी थी। आइए जानते है इसकी खासियत- 

एस-400 मिसाइल की क्षमता, रेंज

  • एस-400 को दुनिया के सबसे ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम में से एक माना जाता है।
  • इसके रडार की रेंज 600 किलोमीटर है। यानि 600 किलोमीटर के दायरे में आ रही मिसाइल की ये पहचान कर सकता है।
  • ड्रोन, लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों के साथ ही एडवांस फाइटर जेट को भी भारत का एयर डिफेंस सिस्टम आसानी से ध्वस्त कर सकता है।  
  • इसमें चार मिसाइलें लगी हैं जिनकी रेंज अलग-अलग है। 
  • अलग-अलग ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्यों का पता लगाकर आसानी से नष्ट करने की क्षमता। 

दुश्मनों की मिसाइल को पहचान कर उसे कर सकता है नष्ट  

एस-400 में चार प्रकार की मिसाइलें लगी हैं। इन मिसाइलों की रेंज 40, 100, 200 और 400 किलोमीटर तक है। इसमें लगी 40N6E मिसाइल की रेंज 400 किलोमीटर है और दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को हवा में ही ये ढेर कर सकते है। इसके साथ ही एस-400 में 48N6, 9M96E और 9M96E2 मिसाइलें भी लगी हैं। एस-400 एक बार में दुश्मन की 80 मिसाइलों या हवाई हमलों को हवा में ही ध्वस्त कर सकता है। एस-400 में इंटीग्रेटेड मल्टीफंक्शन रडार सिस्टम लगा हुआ है जो खुद दुश्मनों की मिसाइल को पहचान कर उसे नष्ट कर सकता है। 

आपातकालीन स्थिति में भी इसे आसानी से कर सकते है इस्तेमाल

एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को चंद मिनटों में ही तैनात किया जा सकता है। 5-10 मिनट में ये दुश्मन के इरादों को ध्वस्त करने के लिए तैयार हो जाता है, जिसके चलते आपातकालीन स्थिति में भी इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। एस-400 की प्रणाली को नए विमानों और मिसाइलों के लिए दोबारा प्रोग्राम किया जा सकता है। इसलिए भविष्य में भी ये उतना ही कारगर साबित होता है जितना वर्तमान में। एक बार मिसाइलें दागने के बाद इस तुरंत स्थानांतरित भी किया जा सकता है, जिसके कारण हमेशा ये दुश्मन की पहुंच से दूर रहता है। 

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