आत्म चेतना को जगाए, विषय कषाय को भगाये…वही है सम्यक ज्ञान

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि सम्यक ज्ञान- ज्ञान वह है जो जीवन में माधुर्य प्रकट करे।

ज्ञान वह है जो आत्म चेतना को जगाए, विषय कषाय को भगाये।

ज्ञान वह है जो जीवन में सरलता लाये।

ज्ञान वह है जो जीवन में आलोक बिछाए।

ज्ञान वह है जो जीवन में सदैव आनंद लहर लहराए।

ज्ञान वह है जो पूज्यों के प्रति नम्र भाव का सृजन करे।

ज्ञान से ही विराट बन जा सकता है।

ज्ञान वह है जो श्रद्धा और समर्पण जगाए ।

ऐसा ज्ञान ही सम्यक ज्ञान कहा जाता है। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

 

		

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