Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि हम सब अबोध बालक के समान हैं। अज्ञानी लोग मोह निशा में सोये हुए हैं उनको भगवान चुटकी भर के जागते हैं। भगवान की यह कठोर कृपा है।
अपने भारत देश में सामाजिक, आर्थिक व धार्मिक जीवन में गाय तथा गोवंश का कितना महत्व रहा है, इनकी कितनी उपयोगिता रही है, यह किसी से छिपा नहीं है। गाय का दूध, गोमूत्र तथा गोबर की औषधीय उपयोगिता भी सिद्ध हो चुकी है। अतः गाय व गोवंश का संरक्षण तथा संवर्धन देश के हित में सर्वोपरि होना चाहिए तथा गौ हत्या सर्वथा वर्जित की जानी चाहिए।
भाग्य की चपेट में आकर व्यक्ति करोड़पति से रोडपति हो जाता है। सीधे ही फुटपाथ पर आ जाता है, सब चला जाता है। पैसे जाते रहते हैं तो स्वार्थ के सगे सम्बन्धी भी सब दूर होने लगते हैं। तब उसको समझ में आता है कि इन सबको मेरे पैसे में प्रेम था। तब उसे वास्तविक स्थिति का ख्याल आता है कि मेरे सच्चे सगे परमात्मा हैं।
व्यक्ति जब तक काम का होता है तब सब उसका ध्यान रखते हैं। पत्नी, पुत्र सब। जिसकी बहुत अच्छी आय होती है उसकी पूजा करते हैं। जब वह निवृत हो जाता है फिर उसको कोई बुलाने के लिए नहीं आता। सिर्फ परमात्मा ही उसके सच्चे स्नेही बनकर रह जाते हैं। संसार का यह वास्तविक सत्य श्री कृष्ण सबको अपनी लीला के द्वारा समझते हैं। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।