Rajasthan: राजस्थान की चर्चित सब इंस्पेक्टर भर्ती विवाद में हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई मंगलवार (8 जुलाई) को भी पूरी नहीं हो सकी. यह राजस्थान उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई का दूसरा दिन था और इस मामले में अगली सुनवाई की डेट 9 जुलाई, बुधवार को रखी गई है. रिपोर्ट्स के अनुसार जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने सरकार से इस बारे में स्पष्ट जवाब मांगा कि क्या पुलिस SI भर्ती में क्या प्रक्रिया की पवित्रता और पारदर्शिता भंग हुई है, जिस पर अटॉर्नी जनरल ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया.
परीक्षा की पवित्रता हुई भंग
अदालत ने इस मामले में राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन के सदस्य रहे रामू राम राइका ने अपने बेटे और बेटी को क्वेश्चन पेपर दिए जाने पर सवाल उठाए. राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि उन्होंने सिर्फ अपने ही बेटे और बेटी को क्वेश्चन पेपर मुहैया कराए थे.
हाईकोर्ट ने पूछा कि इस बात की क्या गारंटी है कि इसने पेपर लीक कर अपने बेटे और बेटी को दिया और दूसरे किसी को नहीं दिया. अदालत ने राजस्थान सरकार से यह भी साफ तौर पर बताने को कहा है कि परीक्षा की पवित्रता भंग हुई है या नहीं.
पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तार
पिछले साल सरकारी अमले ने भर्ती को रद्द किए जाने की बात कही थी. कोर्ट में अभी सरकार का ही पक्ष रखा जा रहा है. सरकार की बहस पूरी होने के बाद याचिकाकर्ताओं के वकील अपनी दलीलें पेश करेंगे. क्या है राजस्थान SI भर्ती का मामला?
दरअसल राजस्थान में 859 पदों पर सब कांस्टेबल पुलिस भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में पेपर लीक और नकली डमी कैंडिडेट एग्जाम में बैठाने की शिकायतें सामने आई थीं.
आयोग के 2 सदस्यों सहित कुल 150 से ज्यादा गिरफ्तारियां
कोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि अगर 49 चयनित लोगों को पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, तो सरकार भर्ती को वैध कैसे मान सकती है इसके अलावा परीक्षा के पहले प्रश्नपत्र भी लीक हो गया था. इन गड़बड़ियों के सामने आने के बाद राजस्थान सरकार ने विशेष जांच दल को यह मामला सौंपा और इस मामले में अब तक 50 ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर और राजस्थान लोक सेवा आयोग के 2 सदस्यों सहित कुल 150 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
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