‘हमारे लिए न कोई पक्ष, न विपक्ष, सब समकक्ष’, ‘वोट चोरी’ के आरोप पर चुनाव आयोग का बयान

Election Commission: विपक्ष के ‘वोट चोरी’ के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार करता है, क्योंकि हर दल का जन्म आयोग में पंजीकरण से होता है. ज्ञानेश कुमार ने स्‍पष्‍ट किया कि आयोग के लिए कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी दल समकक्ष हैं.

अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा आयोग

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि “कानून के अनुरूप हर राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण से होता है, तो चुनाव आयोग उन राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है? चुनाव आयोग के लिए, कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी समकक्ष हैं. चाहे किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी हो, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा. “

1.6 लाख बीएलए ने मिलकर तैयार की एक मसौदा सूची

उन्होंने कहा कि “पिछले दो दशकों से, लगभग सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में त्रुटियों को सुधारने की मांग कर रहे हैं. इसी मांग को पूरा करने के लिए चुनाव आयोग ने बिहार से एक विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की शुरुआत की है. एसआईआर की प्रक्रिया में सभी मतदाताओं, बूथ स्तर के अधिकारियों और सभी राजनीतिक दलों द्वारा नामित 1.6 लाख बीएलए ने मिलकर एक मसौदा सूची तैयार की है. “

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि “भारत के संविधान के अनुसार, 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले प्रत्येक भारतीय नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और मतदान भी करना चाहिए.” इस दौरान उन्‍होंने विपक्ष द्वारा मतदाताओं की तस्वीरों को मीडिया में दिखाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि “हमने कुछ दिन पहले देखा कि कई मतदाताओं की तस्वीरें बिना उनकी अनुमति के मीडिया के सामने पेश की गईं. उन पर आरोप लगाए गए, उनका इस्तेमाल किया गया.  

उन्‍होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या चुनाव आयोग को मतदाताओं, उनकी माताओं, बहुओं या बेटियों के सीसीटीवी फुटेज साझा करने चाहिए? मतदाता सूची में जिनके नाम होते हैं, वे ही अपने उम्मीदवार को चुनने के लिए वोट डालते हैं.” ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव प्रक्रिया में एक करोड़ से भी अधिक कर्मचारी, 10 लाख से भी अधिक बूथ लेवल एजेंट्स, 20 लाख से भी अधिक प्रत्याशियों के पोलिंग एजेंट्स चुनाव के लिए कार्य करते हैं. इतने सारे लोगों के समक्ष इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में क्या कोई मतदाता वोट की चोरी कर सकता है?

न चुनाव आयोग डरता है और न ही कोई मतदाता

कुछ मतदाताओं द्वारा दोहरे मतदान के आरोप लगाए गए, सबूत मांगने पर जवाब नहीं मिला.  ऐसे मिथ्य आरोपों से न तो चुनाव आयोग डरता है न ही कोई मतदाता डरता है.  जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है.  ऐसे में चुनाव आयोग आज सबको स्पष्ट करना चाहता है कि हम निडरता के साथ सभी गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला और युवा समेत सभी वर्गों और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा. “

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