Uttarakhand: उत्तराखंड में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत प्रदेश सरकार ने सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. विभाग के डायरेक्टर वी. मुरुगेशन ने हेल्पलाइन की कार्यप्रणाली और अब तक की उपलब्धियों पर विस्तृत जानकारी साझा की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति के तहत प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है.
टोल फ्री नंबर 1064 पर दर्ज शिकायत और उनके निराकरण को लेकर की गई कार्रवाई की जानकारी विजिलेंस डायरेक्टर वी मुरुगेशन ने दी. उन्होंने बताया कि इन 3 सालों में भ्रष्टाचार निवारण हेल्पलाइन के माध्यम से मिली शिकायतों पर 71 फीसदी सक्सेस रेट के साथ कार्रवाई की गई है.
विजिलेंस विभाग ने116 लोगों को भेजा जेल
अब तक विजिलेंस विभाग ने ट्रैप और अन्य प्रकरणों में 116 लोगों को जेल भेजा है. इनमें 20 गजेटेड ऑफिसर और 96 गैर-राजपत्रित कर्मचारी शामिल हैं. इसके अलावा, अदालतों में प्रस्तुत 37 प्रकरणों में से 28 में दोष सिद्ध होने पर सजा भी सुनाई जा चुकी है.
विजिलेंस प्रमुख ने बताया कि शिकायतें सबसे ज्यादा राजस्व, पुलिस, पंचायती राज, विद्युत, स्वास्थ्य, परिवहन, कर, वन, शहरी विकास, आबकारी और शिक्षा विभागों से संबंधित रही हैं. हेल्पलाइन पर रिश्वत मांगने की शिकायत मिलते ही तत्काल ट्रैप कार्रवाई की जाती है.
इस साल अब तक 331 शिकायतें मिलीं
साल 2025 की बात करें तो हेल्पलाइन पर अब तक 331 शिकायतें आई हैं. इनमें से 12 मामलों में ट्रैप कार्रवाई की गई और संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. मुरुगेशन ने बताया कि जैसे ही रिश्वत की शिकायत मिलती है, एंटी करप्शन टीम तुरंत नियमानुसार ट्रैप की कार्रवाई करती है.
विजिलेंस ने अब तक 28 खुली जांच, 18 इन्वेस्टिगेशन और 76 ट्रैप केस दर्ज कर कार्रवाई की है. इनमें से कई मामलों को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया, जहां 37 मामलों में सुनवाई पूरी हुई और 28 मामलों में दोषियों को सजा मिली. इस तरह विजिलेंस का सक्सेस रेट 71% रहा है.
हर विभाग से एंटी करप्शन में शिकायतें
विजिलेंस डायरेक्टर वी मुरुगेशन ने बताया कि साल 2023 से लेकर अब तक विजिलेंस के पास एंटी करप्शन हेल्पलाइन 1064 के तहत आई शिकायतों में राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, पंचायती राज विभाग, विद्युत विभाग, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग, राज्य कर विभाग, वन विभाग, शहरी विकास विभाग, आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें मिली है.
इसके अलावा हाउसिंग परिषद, खाद्य आपूर्ति विभाग, लघु सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, सहकारिता विभाग, समाज कल्याण विभाग, वित्त विभाग, सैनिक कल्याण विभाग, समाज कल्याण, कृषि विभाग, महिला एवं बाल विकास, विभाग वित्त विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं, जिन पर कार्रवाई की गई है.
पारदर्शिता लाने का प्रयास पहल
विजिलेंस विभाग की यह पहल न केवल पारदर्शिता लाने का प्रयास है, बल्कि यह जनता में विश्वास पैदा करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है. सरकार और विभाग दोनों ही यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड का सपना जल्द ही साकार हो.
उत्तराखंड सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की एक अहम पहल है. लेकिन प्रदेश में सामने आने वाले लगातार भ्रष्टाचार के मामले यह दिखाते हैं कि अभी भी चुनौतियाँ बरकरार हैं. ऐसे में सवाल यह है कि क्या यह नीति वास्तव में जमीन पर उतरेगी और आम जनता को भ्रष्टाचार से राहत दिला पाएगी? आने वाला समय ही बताएगा कि सरकार की यह सख्त नीति उत्तराखंड को एक भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने में कितनी कारगर साबित होती है.
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