Ballia: नगर के टाउन डिग्री कालेज मैदान में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के संकल्प से चल रहे श्रीराम कथा में पांचवें दिन प्रेम भूषण जी महराज ने श्री राम जन्म, बाल लीला के बाद गुरुकुल प्रस्थान, जनकपुर में धनुष भंग तथा सीता विवाह का प्रसंग सुनाया। सीता विवाह का प्रसंग सुनकर लोग भाव विभोर हो गए।
प्रेम भूषण जी महराज ने कहा कि जब तक भगवान की कृपा नहीं होती, तब तक संत का दर्शन दुर्लभ है। जब जीवन में ज्यादा प्रसन्नता हो तो किसी को कोई वचन नहीं देना चाहिए और जब मन में ज्यादा क्रोध हो तो कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। क्योंकि दोनों ही स्थिति में नुकसान अपना ही है। क्रोध बोध को समाप्त कर देता है। किसी की चर्चा करने से दोष उजागर हो तो वहां मौन हो जाना ही बेहतर होता है।
उन्होंने कथा के आयोजक परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की प्रशंसा करते हुए कहा कि बहुत भाग्य से ही कथा के श्रवण का मौका मिलता है। हजारों लोगों को भगवत कथा का आनंद दिलाने वाले के जीवन में सिर्फ आनंद ही रहता है। श्रीराम कथा हमें कुछ ऐसा करने के लिए प्रेरित करती है, जिसे हमारे जीवन के बाद भी लोग याद रखें। श्रेष्ठ व्यक्ति कुछ ऐसी परंपराएं छोड़ जाते हैं, जो युगों तक लोगों का मार्गदर्शन करती रहती हैं।
मनुष्य की श्रेष्ठता इसी में है कि आने वाली पीढ़ी को गौरवान्वित करने के लिए कुछ न कुछ अवश्य छोड़ जाएं। जो अपने विकारों को दूर नहीं कर पाते, उनका जीवन कष्टमय हो जाता है। कलयुग के मैल को धोने का एक मात्र उपाय श्रीराम कथा है। उन्होंने कहा कि सत्य के मार्ग पर चलकर धन अर्जित करने वाले लोग ही शाश्वत सुख पाते हैं। अधर्म पर चलने वाला कभी सुखी नहीं रहता।
कथा में परिवहन मंत्री की माताजी तेतरी देवी, धर्मेंद्र सिंह व उनके परिवार तथा अन्य लोगों ने व्यास पीठ की पूजा की। इस दौरान गोरक्ष प्रांत के प्रांत प्रचारक रमेश, विभाग प्रचारक अंबेश, मंडल अध्यक्ष सोनी तिवारी, रिंकू दुबे, विश्वजीत तिवारी, दीनबंधु मौर्या, प्रोफेसर डा.धर्मेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।