Delhi: दिल्ली में ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि पटाखों के बिना दिवाली का त्योहार अधूरा सा लगता है, और इसलिए ग्रीन क्रैकर्स चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए. इस संबंध में दिल्ली सरकार कल सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष प्रस्तुत करेगी. दीवाली के त्योहार के समीप आते ही पटाखों और वायु प्रदूषण को लेकर चर्चा तेज हो जाती हैं. दिल्ली वासियों की भावनाओं और दीपावली के महत्व को ध्यान में रखते हुए, सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट से ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति के लिए आवेदन करेगी.
क्या है ‘ग्रीन पटाखे’
ग्रीन पटाखे भारत में सीएसआईआर-नीरी (वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान) द्वारा विकसित पर्यावरण अनुकूल आतिशबाजी हैं. सीएसआईआर-नीरी द्वारा प्रकाशित एक शोधपत्र के अनुसार, ग्रीन पटाखे बेरियम जैसे हानिकारक रसायनों को खत्म करके तथा धूल को दबाने और जल वाष्प छोड़ने वाले योजकों का उपयोग करके वायु और ध्वनि प्रदूषण को काफी हद तक कम करते हैं.
ग्रीन पटाखे के प्रकार
ग्रीन पटाखे पर्यावरण पर कम प्रभाव डालने के लिए डिजाइन किए गए हैं और इनमें तीन मुख्य प्रकार शामिल हैं. SWAS (सेफ वाटर रिलीजर), STAR (सेफ थर्माइट क्रैकर) और SAFAL (सेफ मिनिमल एल्युमीनियम). शोधपत्र में कहा गया है कि ये पटाखे पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त नहीं हैं, लेकिन पारंपरिक आतिशबाजी की तुलना में अधिक सुरक्षित विकल्प हैं, जिनमें सीसा, कैडमियम और बेरियम नाइट्रेट जैसे जहरीले तत्व होते हैं.
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