Delhi: दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने एक अहम आदेश जारी किया है. यह पाबंदी शहर के सभी होटलों, रेस्टोरेंट और खुले भोजनालयों में ग्रिलिंग वगैरह के लिए इस्तेमाल होने वाले तंदूर पर लगाई गई है. यह रोक इसलिए लगाई गई है क्योंकि इनमें कोयला और लकड़ी का इस्तेमाल होता है.
GRAP के तहत निर्देश जारी
यह आदेश वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 31(A) के तहत जारी किया गया है. इसके मुताबिक, सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सिर्फ़ इलेक्ट्रिक, गैस या दूसरे साफ़ ईंधन इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि कोयला और लकड़ी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को बड़े पैमाने पर खराब करते हैं. शहरी स्थानीय निकायों – जिनमें नगरपालिका एजेंसियों के कमिश्नर और मुख्य इंजीनियर शामिल हैं – को जांच करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि उनके अधिकार क्षेत्र के तहत सभी भोजनालय कोयले और जलाऊ लकड़ी का उपयोग तुरंत बंद कर दें.
सड़क किनारे रखी निर्माण सामग्री को हटाने के निर्देश
वहीं, डीपीसीसी ने मंगलवार को एक और आदेश जारी कर विक्रेताओं द्वारा सड़कों के किनारे रखी गई निर्माण सामग्री को हटाने का निर्देश दिया है. डीपीसीसी ने पाया कि रेत, बजरी, ईंट, सीमेंट, टाइल्स और पत्थरों जैसी सामग्रियों का सड़क किनारे और सार्वजनिक स्थानों पर अनियंत्रित भंडारण, बिक्री और ढुलाई लगातार उड़ती धूल का स्रोत बन गई है और राजधानी में पीएम10 और पीएम2.5 प्रदूषण का प्रमुख कारण है. यह नवीनतम निर्देश 21 नवंबर 2025 को जारी जीआरएपी पर सीएक्यूएम के आदेश के अनुरूप है.
सड़क किनारे रखी निर्माण सामग्री को हटाने के निर्देश
आदेशानुसार सड़क और फुटपाथों पर अवैध रूप से निर्माण सामग्री स्टोर या बेचने वाले सभी विक्रेताओं को तुरंत हटाया जाए. इसके साथ ही यह पुष्टि किया जाए कि कोई भी सामग्री खुले में न रखी जाए और न ही बिना ढकाव के परिवहन की जाए. आदेश में यह भी कहा गया है कि सार्वजनिक भूमि पर, या निजी भूमि पर बिना उचित ढकाव के रखी गई किसी भी सामग्री को जब्त किया जाए और एमसीडी के नियमों व उपनियमों के तहत संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए.
इसे भी पढ़ें:-यूपी में घुसपैठियों के खिलाफ ‘सर्जिकल स्ट्राइक’, सीएम योगी ने नगर निगम से मांगी कर्मचारियों की लिस्ट