Mumbai: टीवी धारावाहिक महाभारत में युधिष्ठिर की भूमिका से घर-घर में पहचान बनाने वाले अभिनेता गजेंद्र सिंह चौहान साइबर ठगी का शिकार हो गए. हालांकि मुंबई की ओशिवारा पुलिस की साइबर सेल ने समय रहते कार्रवाई करते हुए उनके खाते से निकाली गई पूरी 98 हजार रुपये की रकम वापस दिला दी.ओशिवारा पुलिस की इस तत्परता की सराहना करते अभिनेता ने मुंबई पुलिस और ओशिवारा पुलिस के अधिकारियों को धन्यवाद दिया.
अभिनेता हुए साइबर ठगी के शिकार
अभिनेता गजेंद्र सिंह चौहान ने 10 दिसंबर को फेसबुक पर डी-मार्ट पर ड्राई फ्रूट्स बेहद सस्ते दामों में उपलब्ध होने का एक विज्ञापन देखा. ड्राई फ्रूट्स खरीदने के लिए उन्होंने विज्ञापन के लिंक पर क्लिक किया और अपने वेरिफिकेशन के लिए अपने बैंक खाते की ओटीपी भी शेयर कर दी. ओटीपी शेयर होने के तुरंत बाद ही उनके फोन पर 98 हजार रुपए के डिडक्शन का मैसेज आ गया. गजेंद्र चौहान ने तुरंत ओशीवारा पुलिस स्टेशन में साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस की तत्परता ने सुलझाया मामला
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय चव्हाण और पुलिस निरीक्षक आनंद पगारे के मार्गदर्शन में ओशिवारा पुलिस की साइबर टीम ने मामले की तुरंत जांच शुरू की. साइबर उप-निरीक्षक शरद देवरे, सहायक पुलिस निरीक्षक अशोक कोंडे और कांस्टेबल विक्रम सरनोबत ने 1930 हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायत और बैंक स्टेटमेंट की जांच की. जांच में सामने आया कि ठगी की रकम रेज़रपे के जरिए क्रोमा से जुड़े एक खाते में ट्रांसफर की गई थी. इसके बाद पुलिस ने एचडीएफसी बैंक, रेज़रपे और क्रोमा के नोडल अधिकारियों से संपर्क कर ईमेल के माध्यम से कॉर्डिनेट किया. पुलिस की तेज़ कार्रवाई के चलते ट्रांजैक्शन को समय रहते होल्ड कर लिया गया और पूरी 98 हजार रुपये की राशि अभिनेता के खाते में वापस कर दी गई.
एक्टर ने लोगों से की अपील
अभिनेता गजेंद्र सिंह चौहान ने घटना के बाद लोगों से अपील की और कहा- सस्ते ऑफर और भारी डिस्काउंट के जाल में न फंसें. सोशल मीडिया पर दिखने वाले ऐसे कई विज्ञापन फर्जी होते हैं, जो सीधे-सीधे साइबर ठगी की तरफ ले जाते हैं.”
उन्होंने लोगों को चेताया कि अगर किसी के साथ ऑनलाइन फ्रॉड हो जाए, तो देरी किए बिना पुलिस या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें.
भारत सरकार और पुलिस भी लगातार जागरूकता अभियान चला रही है. लोगों से अपील की जाती है कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और ओटीपी तो बिल्कुल भी शेयर न करें, क्योंकि यही सबसे बड़ा हथियार है जालसाजों का.
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