Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति के दिन क्‍यों उड़ाते हैं पतंग? भगवान राम से है इसका कनेक्‍शन

Makar Sankranti 2024: नए साल के साथ ही त्‍योहारों का सिलसिला शुरू हो जाता है. जनवरी में पड़ने वाला त्‍योहार मकर संक्रांति देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. मकर संक्राति के दिन ही भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. इस दिन से ही ऋतु में परिवर्तन होने लगता है. भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इस त्यौहार को स्थानीय मान्यताओं के अनुसार मनाया जाता है. इस दिन स्नान-दान का खास महत्व होता है.

इसके साथ ही इस दिन घरों में खिचड़ी, दही बड़े, तिल के लड्डू, जैसे पकवान बनाए जाते हैं. मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की भी  परंपरा है. कही-कहीं तो इस दिन पतंग फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाता है. मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) पर पतंग तो आप भी उड़ाते होंगे लेकिन क्‍या आपने कभी सोचा हैं कि इस दिन पतंग क्‍यों उड़ाया जाता है. अगर नहीं तो तो आइए जानते हैं कि आखिर इस दिन पतंग क्यों उड़ाई जाती है.

Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग?

मकर संक्रांति के दिन देशभर में पतंग उड़ाई जाती है, इसलिए इस दिन को पतंग पर्व भी कहा जाता है. इस दिन पतंग उड़ाने का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्री राम ने ही शुरू की थी. तमिल की तन्नाना रामायण के मुताबिक, मकर संक्रांति के दिन भगवान श्री राम ने पतंग उड़ाई थी, जो इंद्रलोक तक  जा पहुंची. इसी वजह से इस दिन पतंग उड़ाई जाती है.

Makar Sankranti 2024: पतंग उड़ाने का संदेश

पतंग को खुशी, स्‍वतंत्रता और शुभता का संकेत माना जाता है. मान्‍यता है कि मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाकर एक-दूसरे को खुशी का संदेश दिया जाता है. वहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इसका महत्व है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य की किरणें हमारे शरीर के लिए अमृत समान मानी जाती हैं. इससे तमाम तरह के रोग दूर होते हैं. कहा जाता है कि इस दिन पतंग उड़ाने से हम सूर्य की किरणों को अधिक मात्रा में ग्रहण करते हैं. शरीर में ऊर्जा आती है और विटामिन डी की कमी भी पूरी होती है.

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