Subhajit Sahu: दुनिया में एक ओर ऐसे बहुत से लोग हैं जो दूसरों की मदद नहीं करना चाहते, वहीं दूसरी ओर ऐसे में भी लोग है जो जीते जी भी दूसरों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते है और मरने के बाद भी औरों के लिए बहुत कुछ कर जाते है. ऐसे में एक था सुभाजीत साहू. जो महज आठ साल का था, लेकिन उसकी वहज से कई लोगों को जीवन दान मिला और उसके मरने के बाद उसे पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.
बता दें कि सुभाजीत साहू ओडिशा के भुवनेश्वर का रहने वाला था. जो अभी कक्षा दो में पड़ता था. वहीं, पिछले हफ्ते सुभाजीत को परीक्षा देते वक्त मस्तिष्क का दौरा (सीजर) पड़ गया था. जिसके बाद बच्चे को तुरंत कैपिटल अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां से उसे एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जिसके बाद वह कोमा में चला गया था. तमाम कोशिशों बाउजूद भी जब माता-पिता अपने बच्चे को नहीं बचा सके तो उन्होंने फैसला किया कि वह सुभाजीत के सभी अंगों को दान कर देंगे.
Subhajit Sahu: बहादुर बेटे पर गर्व
वहीं, सुभाजीत के पिता विश्वजीत साहू ने बताया कि हम तमाम कोशिशों के बावजूद अपने बच्चे को नहीं बचा सके. इसलिए हमने उसका गुर्दा, फेफड़े, जिगर, आंखें, दिल और अग्न्याशय सहित सभी अंगों को दान करने का फैसला किया है. मुझे अपने बहादुर बेटे पर बहुत गर्व है, जिसने अपने अंगों से कई लोगों की जान बचाई.
Subhajit Sahu: राजकीय सम्मान से सम्मानित
वहीं, सोमवार को आठ वर्षीय सुभाजीत साहू को पुलिस आयुक्त संजीव और पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) प्रतीक सिंह की मौजूदगी में सत्य नगर श्मशान में पूर्ण राजकीय सम्मान ‘गार्ड ऑफ ऑनर‘ दिया गया.
Subhajit Sahu: पिछले महीने किया था एलान
आपको बता दें कि अंग दाताओं के लिए राज्य सरकार की ओर से नई नीति बनाई गई है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पिछले महीने ही घोषणा की थी कि अंगदाताओं का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. इस सम्मान से अधिक लोगों में अंग दान करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.
इसे भी पढ़े:-धरती का सबसे सुनसान जगह, जहां दफनाई जाती है बड़ी-बड़ी मशीने, इंसान के पहुंच से बाहर