अन्तकाल की घबराहट काल से नहीं, बल्कि अपने पापों के कारण होती है: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि तक्षक काटने ही वाला है- जीवन मात्र को एक-न-एक दिन काल रूपी तक्षक काटने ही वाला है। जिस प्रकार परीक्षित ने मृत्यु के समय तक्षक में भी प्रभु के दर्शन किये, उसी प्रकार संत भी मृत्यु को मांगलिक मानते हैं।

जिसके मन में पाप का विचार ही नहीं आता, उसकी मृत्यु मंगलमय बनती है और जो मनुष्य पाप करते समय मृत्यु से नहीं डरता, उसके जीवन और मरण दोनों बिगड़ते हैं। अन्तकाल की घबराहट काल से नहीं, बल्कि अपने पापों के कारण होती है।

मनुष्य पाप करते समय तो डरता नहीं और जब पाप की सजा भोगने का समय आता है, तो डरता है। इससे क्या बनेगा? पाप करते समय यदि मन में डर हो तो पाप कर्म होता ही नहीं।

व्यवहारिक जीवन में हम लोग एक दूसरे से डरने के कारण ही आपस में ठीक व्यवहार करते हैं, जबकि जीवन में ईश्वर का जरा- सा भी ध्यान नहीं रखते। फिर यदि जीवन व्यर्थ नहीं जायेगा तो और क्या होगा ?

जो नियमानुसार चलता है, उसे जिस प्रकार सरकार का डर नहीं रहता, उसी प्रकार जो ईश्वर की आज्ञानुसार जीवन व्यतीत करता है, उसे काल का डर नहीं रहता।

संसार का सम्बन्ध कदाचित दया दगा दे दे, किन्तु प्रभु के साथ स्थापित किया गया भक्ति-सम्बन्ध कभी दगा नहीं देता।

सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना,।सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।

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