Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि सनातन धर्म में पांच देव उपास्य है, यह सदैव ध्यान रखना. सर्वप्रथम गणपति का ही पूजन करना. आप किसी के भी पुजारी हों, अपने ईष्ट की पूजा करने से पहले गणपति की पूजा करो. कोई भी मंगल कार्य प्रारम्भ करने से पहले गणपति की पूजा करो. लोग अपने खाता बही में भी पहले गणपति थापते हैं. विवाहों में भी दीवालों पर गणपति थापते हैं. किसी भी मंगल कार्य में चाहे उद्घाटन हो, या शिलान्यास हो, चाहे विवाह हो, चाहे मुण्डन हो, कोई भी कृत्य हो और कोई देवता पूजो या न पूजो लेकिन गणपति का पूजन सर्वप्रथम है. प्रभु सर्वाध्यक्ष है. वेद में गणपति जी को साक्षात् ब्रह्म माना गया है.
गं गणपतये नमः.
यह श्री गणेश जी का महामंत्र है. इसकी एक माला जपने से आपके जीवन में आने वाले सारे विघ्न दूर हो जाएंगे.
श्रीशिवमहापुराण में लिखा है कि- 101दूर्बा अथवा 21 दूर्वा या 1000 दूर्वा गणपति को अर्पित करो. जिसने दूर्वा से गणपति का पूजन कर लिया, वह पुत्रहीन पुत्रवान हो जाता है, धनहीन धनवान हो जाता है, विद्या हीन विद्वान हो जाता है, रोगी रोग से छूट जाता है. हर कार्य में सफलता मिलती है.
गणेश जी के बारह नाम हैं. आप याद कर लो और जहां कहीं भी जाओ, ये बारह नाम याद कर लिया करो. गणेश जी फिर आपके सारे कार्य पूर्ण करते रहेंगे.
सुमुखश्चैकदंतश्च कपिलो गजकर्णकः.
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः..
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः.
द्वादशैतानि नामानि यः पठेत् श्रृणुयादपि..
विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा.
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते..
आप कहीं जा रहे हो या कहीं से आ रहे हो, ये बारह नाम ले लो और गणपति को नमस्कार करो, आपकी यात्रा में मंगल ही मंगल होगा. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).