मनुष्य का शरीर पाकर हमारे मन में आ जाती है सुखों को भोगने की लालसा: दिव्‍य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि परमात्मा की प्राप्ति के लिये मिला है मनुष्य शरीर- मनुष्य शरीर केवल परमात्मा की प्राप्ति के लिये ही मिला है। भगवान कृपा करके जन्म-मरण के चक्र से छूटने के लिए मनुष्य शरीर देते हैं। परन्तु मनुष्य शरीर पाकर हमारे मन में सुखों को भोगने की लालसा चलती रहती है, जिससे हम परमात्मा की तरफ न जाकर सांसारिक पदार्थों का संग्रह कर सुख लेने में ही लगे रहते हैं। अन्त में मृत्यु को प्राप्त कर लेते हैं और भगवान को प्राप्त करने का सुन्दर अवसर गंवा बैठते हैं।

संसार में आना, चौरासी लाख योनियों में भटकना हमारा काम नहीं है। यह घर संसार, गांव, कुटुम्ब, धन पदार्थ यहां तक की यह शरीर भी हमारा नहीं है और हम इसके नहीं हैं। यह सब अपरा प्रकृति के हैं और हम पराप्रकृति के हैं, परन्तु भूल से हमने अपने को यहां का रहने वाला मान लिया है। इस भूल को मिटाना चाहिये क्योंकि हम सिर्फ भगवान के हैं, हम भगवान के अंश हैं। भगवान सदैव हमारे साथ हैं यही परम सत्य है, और सत्य के लिए ही यह जीवन है। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।

 

		

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