Patanjali News: पतंजलि विश्वविद्यालय और रिसर्च इंस्टिट्यूट ने देश के तीन प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी के साथ सहयोग समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. यह सहयोग समझौता कई क्षेत्रों जिसमें शिक्षा, योग, आयुर्वेद, चिकित्सा, भारतीय परंपरागत ज्ञान और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने के उद्देश्य से किया गया है.
इन 3 विश्वविद्यालयों के साथ हुआ समझौता
- राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)
- हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
- और महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट (मध्य प्रदेश).
शिक्षा-परंपराओं को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
यह समझौता भारतीय शिक्षा और परंपराओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. पतंजलि विश्वविद्यालय के इन प्रयासों से देश में शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे. यह सहयोग न केवल ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और विज्ञान को वैश्विक मंच पर ले जाएगा.
पतंजलि के इस प्रयास से न केवल शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने में भी मदद करेगा. इस MoU के तहत संयुक्त अनुसंधान, कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए नए अवसर खोलेंगे. इस मौके पर तीनों विश्वविद्यालयों के कुलगुरु- प्रो. इंद्र प्रसाद त्रिपाठी, डॉ. संजय तिवारी, और प्रो. भरत मिश्रा उपस्थित रहे.
देश के करोड़ों लोगों को मिलेगा फायदा: आचार्य बालकृष्ण
पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि “यह समझौता केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि देश के पुनर्निर्माण की सामूहिक यात्रा का अहम हिस्सा है. यह योग क्रांति, ऋषि क्रांति और शिक्षा क्रांति यानि योग, ज्ञान और शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव की तरफ हमारा पहला कदम है. हमें विश्वास है कि आने वाले समय में इस कदम से देश के करोड़ों लोगों को फायदा मिलेगा और देश का युवा भी वैश्विक स्तर पर अपने अपने कौशल का प्रदर्शन कर देश को सशक्त बना पाएगा.”
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