वाराणसी। वाराणसी के अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी (67) का शनिवार को निधन हो गया। जानकारी होते ही संत समाज, विद्वत जन और काशीवासियों में शोक की लहर दौड़ गई। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए मंदिर परिसर में रखा गया है। रविवार की सुबह उनको गंगा में समाधि दी जाएगी। मंदिर प्रांगण से ही उनकी अंतिम यात्रा निकलेगी।
उपमहंत शंकर पुरी ने बताया कि महंत रामेश्वर पुरी पिछले 10 दिनों से लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे। उनकी हालत चिंताजनक थी। चिकित्सकों ने जब जवाब दे दिया तो शुक्रवार की रात उन्हें मेदांता से लाकर महमूरगंज स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार की दोपहर 3:30 बजे उन्होंने शरीर त्याग दिया। महंत रामेश्वर पुरी हरिद्वार में कुंभ स्नान के पहले ही कोराना संक्रमित हो गए थे। वहां से नई दिल्ली में इलाज कराने के बाद लखनऊ आ गए थे। इसके बाद ठीक होकर वह अन्नपूर्णा मंदिर लौटे थे। इसी बीच 11 जून को दोबारा उनकी सेहत खराब होने की वजह से मेदांता लखनऊ में दोबारा भर्ती कराना पड़ा था। मेदांता में भर्ती रहने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और धर्मार्थ राज्य मंत्री नीलकंठ तिवारी ने फोन कर उनका हाल जाना था। मंदिर प्रबंधक ने बताया कि 2004 में तत्कालीन महंत त्रिभुवन पुरी के निधन के बाद रामेश्वर पुरी को 17 अक्तूबर 2004 में महानिर्वाणी अखाड़े से संबद्ध श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर की महंती दी गई थी। उनके नेतृत्व में काशी अन्नपूर्णा अन्न क्षेत्र ट्रस्ट निरंतर समाज सेवा क्षेत्र में विस्तार कर रहा था। उनके महंत बनने के समय अन्नक्षेत्र के रूप में ट्रस्ट का सिर्फ एक प्रकल्प संचालित था। आज शिक्षा, चिकित्सा, स्वावलंबन, वृद्धजन सेवा समेत तमाम कार्य किए जा रहे हैं।